आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि केवल 62 देश में स्वैच्छिक और अवैतनिक रक्त दाता पर्याप्त मात्रा में रक्त की आपूर्ति कर रहे है, जबकि 40 देशों में अभी भी रोगी या तो अपने परिवार के सदस्य या किसी ऐसे रक्त दाता पर निर्भर है जो पैसों का भुगतान करने के बाद उन्हें रक्त की आपूर्ति कराते है. इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान कर्ताओं को प्रेरित करने के लिए और उनके योगदान की सराहना के लिए इस दिन का आयोजन किया जाता है.