सागवाड़ा। शहर की यातायात व्यवस्था इन दिनों पूरी तरह चरमरा गई है। इसका सबसे बड़ा कारण है निजी ट्रेवल्स एजेंसियों की मनमानी। ये बसें सवारियों को चढ़ाने और उतारने के लिए बीच सड़क पर ही रुक जाती हैं, जिससे न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि पीछे से आने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं।
खासतौर पर शाम के समय डूंगरपुर मार्ग पर स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाती है, जब एक साथ तीन-तीन बसें सड़क पर खड़ी रहती हैं।प्रशासन की अनदेखी के चलते निजी बस संचालकों ने सड़क किनारे ही मनमाना बस स्टैंड बना लिया है। बस रुकते ही वहां यात्रियों की भीड़ लग जाती है, और सड़क काफी संकरी हो जाती है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए भी रास्ता पार करना मुश्किल हो जाता है।
यही नहीं, कुछ चालक तो बस को गोलचौराहे जैसे व्यस्त स्थानों पर भी खड़ी कर देते हैं, जहां हर समय ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी रहती है। बावजूद इसके, न तो पुलिस कोई कार्रवाई करती है और न ही परिवहन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है।
‘मेरा सागवाड़ा’ समाचार पत्र ने इस गंभीर मुद्दे को पिछले अंक में प्रमुखता से उठाया था, लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। प्रशासन की निष्क्रियता से जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो कोई बड़ा हादसा होने की पूरी संभावना है।
रोज का जाम, रोज की परेशानी:
डूंगरपुर मार्ग और शहर के अन्य व्यस्त मार्गों पर निजी बसें मनमानी तरीके से रुकती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर दिन इसी तरह जाम लगता है और अधिकारी मूकदर्शक बने रहते हैं।