Guru Purnima 2023 : गुरु पूर्णिमा कथा, महत्व, सुविचार, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

Guru Purnima 2023 : गुरु पूर्णिमा का व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है.

Guru Purnima 2023 : आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई, सोमवार को मनाई जाएगी. ज्योतिषी कहते हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन संपत्ति, सुख शांति और वैभव का वरदान पाया जा सकता है. इस दिन वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

हिन्‍दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्‍व बताया गया है. माना जाता है कि गुरु का स्थान सर्वश्रेष्‍ठ होता है. गुरु भगवान से भी ऊपर होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो व्यक्ति को अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही रास्ता दिखाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और शुभ योग.

गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Guru Purnima 2023 Shubh Muhurat)

ये वीडियो भी देखे
  • गुरु पूर्णिमा की तिथि- 04 जुलाई 2023
  • गुरु पूर्णिमा प्रारंभ- 02 जुलाई, रात 08 बजकर 21 मिनट से
  • गुरु पूर्णिमा समापन – 03 जुलाई, शाम 05 बजकर 08 मिनट तक

गुरु पूर्णिमा महत्व (Guru Purnima 2023 Significance)

मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के ही दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है क्योंकि सबसे पहले मनुष्य जाति को वेदों की शिक्षा उन्होंने ही दी थी. इसके अलावा महर्षि वेदव्यास को श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा के अलावा 18 पुराणों का रचियाता माना जाता है. यही वजह है कि महर्षि वेदव्यास को आदि गुरु का दर्जा प्राप्त है. गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर महर्षि वेदव्यास की पूजा होती है.

गुरु पूर्णिमा शुभ योग (Guru Purnima 2023 Shubh Yog)

गुरु पूर्णिमा के दिन इस बार कई शुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है. इस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग बनेंगे. वहीं, सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण भी होने जा रहा है. ब्रह्म योग 02 जुलाई को शाम 07 बजकर 26 मिनट से 03 जुलाई दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इंद्र योग की शुरुआत 03 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर शुरु होगा और इसका समापन 04 जुलाई को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा.

गुरु पूर्णिमा पूजन विधि (Guru Purnima 2023 Pujan Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ-सफाई करने के बाद नहा लें और फिर साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा का संकल्प लें और एक साफ-सुथरी जगह पर एक सफेद वस्त्र बिछाकर व्यास पीठ का निर्माण करें. इसके बाद गुरु व्यास की प्रतिमा उस पर स्थापित करें और उन्हें रोली, चंदन, पुष्प, फल और प्रसाद अर्पित करें. गुरु व्यास के साथ-साथ शुक्रदेव और शंकराचार्य आदि गुरुओं का भी आवाहन करें और ”गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये” मंत्र का जाप करें.

dhanraj Jewellers

Leave a Comment

error: Content Copy is protected !!
92 lakh Indians in 6 countries of Middle East साइबर फ़्रॉड से बचने के लिए, ये उपाय अपनाए जा सकते हैं, जानिए क्या है? युवाओ में क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज देखने का जोश, देखना न भूले 10 वेब सीरीज Belly Fat कम करने के लिए सुबह नाश्ते में खाई जा सकती हैं ये चीजे विश्व रक्तदाता दिवस 2023 महत्व शायरी (वर्ल्ड ब्लड डोनर डे) | World blood donor day theme, quotes in hindi