प्री मैच्योर पॉलिसी बंद करने पर पॉलिसी होल्डर्स को अब बीमा कंपनी से ज्यादा रिफंड मिलेगा। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को पॉलिसी होल्डर्स को पहले से ज्यादा स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) देने का आदेश दिया है।
एक साल में पॉलिसी सरेंडर करने पर भी मिलेगा SSV
इसके अलावा, पॉलिसी रेगुलेटर IRDAI ने पॉलिसी बेचने वाली कंपनियों को पहले साल से ही स्पेशल सरेंडर वैल्यू (SSV) का पेमेंट करने को कहा है। लेकिन, इसमें पॉलिसी के लिए कम से कम एक साल तक का प्रीमियम जमा होना चाहिए।
इससे पहले अगर कोई बीमा धारक पॉलिसी लेने के एक साल के अंदर सरेंडर करना चाहता था, तो उसे सरेंडर वैल्यू नहीं मिलती थी। यानी अब एक साल प्रीमियम जमा करने के बाद पॉलिसी बंद करने पर आपका पैसा नहीं डूबेगा।
क्या होती है सरेंडर वैल्यू?
पॉलिसी बंद करने या सरेंडर करने पर जो राशि आपको बीमा कंपनी देती है, उसे सरेंडर वैल्यू कहा जाता है। मान लीजिए आपकी किसी पॉलिसी की मैच्योरिटी 10 साल है, लेकिन आप उस पॉलिसी को 10 साल के पहले ही सरेंडर कर देते हैं, तो जो रकम आपको मिलती है उसे सरेंडर वैल्यू कहते हैं। यह रकम मैच्योरिटी पर मिलने वाली फुल सम-एश्योर्ड (प्रीमियम+इंटरेस्ट+बोनस) से कम होती है।
अब कितनी मिलेगी सरेंडर वैल्यू?
मान लीजिए कि कोई पॉलिसी होल्डर ₹5 लाख की बीमा राशि वाली 10 साल की पॉलिसी के लिए सालाना ₹50,000 का प्रीमियम देता है। अब चार साल बाद वह पॉलिसी बंद करना चाहता है। इस दौरान उसने टोटल ₹2 लाख का प्रीमियम चुकाया है और ₹40,000 का बोनस जमा कर लिया है।
SEBI रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर अभिषेक कुमार के मुताबिक, ‘पहले के नियमों के अनुसार, अगर पॉलिसी चौथे और सातवें साल के बीच सरेंडर की जाती है, तो टोटल प्रीमियम का 50% अमाउंट ही मिलता है। इस हिसाब से पॉलिसी होल्डर को टोटल ₹2 लाख प्रीमियम और ₹40,000 बोनस का 50% यानी ₹1.2 लाख मिलेगा। लेकिन, IRDAI के नए मास्टर सर्कुलर के मुताबिक आपको ₹1.55 लाख मिलेंगे।
दो साल में पॉलिसी सरेंडर करने पर प्रीमियम का 30% मिलता था
IRDAI के अब तक के नियम के अनुसार, 2 साल के बाद बीमा सरेंडर करने पर पॉलिसी होल्डर को टोटल प्रीमियम का 30% मिलता था। जबकि 3 साल तक प्रीमियम जमा करने के बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर टोटल प्रीमियम का 35% वैल्यू मिलती थी।
4 से लेकर 7 साल के बीच कोई पॉलिसी सरेंडर करने पर 50% सरेंडर वैल्यू दी जाती थी। वहीं, पॉलिसी के मैच्योरिटी पूरी होने से 2 साल पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर बीमाधारकों टोटल जमा प्रीमियम का 90% वैल्यू थी मिल जाती थी।