डूंगरपुर/ डूंगरपुर और बांसवाड़ा के लोगों के लिए लंबे इंतजार के बाद राहत की खबर है। चीखली और आनंदपुरी के बीच माही नदी पर संगमेश्वर में हैंगिंग ब्रिज का निर्माण पूरा हो गया है। यह कोटा के बाद राजस्थान का दूसरा हैंगिंग ब्रिज है।
पुल का निर्माण गुजरात सीमा से लगे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में किया गया है। यह स्थान माही-अनास और जाखम नदियों का त्रिवेणी संगम है। इस परियोजना को 2016 में तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने मंजूरी दी थी।
1.925 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण में कुल 134 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ और एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी।
पुल के बनने से दोनों जिलों के बीच की दूरी कम होगी और लोगों को आवाजाही में सुविधा होगी। वर्तमान में पुल का मुख्य निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और केवल फिनिशिंग का काम चल रहा है।
20 जून से पुल के शुरू होने की उम्मीद डूंगरपुर जिले के सीमलवाडा सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता दिनेश पंडया ने बताया कि पुल पर भूकंप का भी असर नहीं पड़ेगा। करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल की विशेषता भी है कि जलस्तर बढ़ने पर पुल डैमेज होने की सूचना अधिकारियों को मिल जाएगी। वहीं, पुल का काम करीब पूर्ण हो चुका है। लास्ट फिनिशिंग का कार्य बचा है जो भी जल्द पूरा हो जाएगा। 20 जून तक इस पुल के शुरू होने की उम्मीद है।
इस पुल के बनने से चिखली से बेडुवा की दूरी 4 किमी और बेडुवा से आनंदपुरी की दूरी 4 किमी होगी। आनंदपुरी से मानगढ़ की दूरी 8 किलोमीटर है। ऐसे में इस पुल के बन जाने से चिखली से मानगढ़ की दूरी केवल 16 किलोमीटर ही रह जाएगी। वर्तमान में चिखली से सागवाड़ा, परतापुर होकर मानगढ़ जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के बनने के बाद डूंगरपुर व बांसवाडा के लोगो का सफर आसान होने के साथ दूरी भी कम होगी। इसके साथ ही ब्रिज के बनने से रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।