महंत अच्युतानंद महाराज ने फहराई सप्तरंगी ध्वजा, श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
डूंगरपुर।डूंगरपुर में आदिवासियों का महाकुंभ कहे जाने वाले राष्ट्रीय बेणेश्वर मेले का बुधवार से आगाज हो गया है। बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज ने राधा-कृष्ण मंदिर पर सप्तरंगी ध्वजा फहराते हुए 10 दिवसीय मेले का आगाज किया। बेणेश्वर मेले में जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। वहीं टीएडी विभाग की ओर से विभिन्न खेलकूद व अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 5 फरवरी को मुख्य मेला भरेगा, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
डूंगरपुर जिले में सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम स्थित बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज ने राधा कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सतरंगी ध्वजा की आम्रपल्लव के साथ पूजा की। इसके बाद ढोल-नगाड़ों और संत मावजी महाराज की वाणियों के साथ मंदिर पर ध्वजा फहराई। ध्वजारोहण के साथ ही बेणेश्वर मेले का आगाज हुआ और संत मावजी महाराज के जयकारे गूंज उठे। बेणेश्वर मेले को लेकर पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ नजर आई। साबला, वालाई और बेणेश्वर धाम की पुलिया पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम में लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई। सालभर में परिवार में मृत लोगों की अस्थियों का त्रिवेणी संगम में विसर्जन कर तर्पण किया गया। धाम पर मंदिरों में दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ रही। राधा कृष्ण मंदिर, शिव मंदिर, ब्रह्माजी मंदिर और वाल्मिकी मंदिर में दर्शनों के बाद लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया। मेले में 1 हजार से ज्यादा छोटी मोटी दुकानें लगी है, जिन पर श्रद्धालुओं ने खरीदारी की।
5 फरवरी को पालकी यात्रा और शाही स्नान रहेंगे आकर्षण
बेणेश्वर मेले में माघ पूर्णिमा के दिन 5 फरवरी को मुख्य मेला भरेगा। इसी दिन महंत अच्युतानंद महाराज की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। साबला हरी मंदिर से पालकी यात्रा 5 किमी दूर बेणेश्वर धाम पहुंचेगी। बेणेश्वर आबुदर्रघाट पर महंत अच्युतानंद महाराज के साथ हजारों माव भक्त शाही स्नान कर डुबकी लगाएंगे। शाही स्नान और पालकी यात्रा के दर्शनों के लिए बड़ी भीड़ लगेगी।
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