Dengue Cases Rajasthan : राजस्थान में कड़ाके की सर्दी के बावजूद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले सामने आ रहे हैं। जनवरी माह के शुरुआती 13 दिनों में प्रदेश में डेंगू के 24, चिकनगुनिया के 21 और मलेरिया के 11 केस दर्ज किए गए हैं। अच्छी बात यह है कि इन तीनों बीमारियों से अब तक किसी मरीज की मौत की सूचना नहीं है। डॉक्टर्स के अनुसार इन मामलों में गंभीरता बेहद कम है।
डेंगू के आंकड़े
राजस्थान के 11 जिलों में डेंगू के केस सामने आए हैं। चित्तौड़गढ़ जिले में डेंगू के सबसे ज्यादा 5 मरीज मिले हैं, जबकि जयपुर में 4 और अजमेर व बीकानेर में 3-3 केस दर्ज हुए हैं। अन्य जिलों में उदयपुर और बाड़मेर में 2-2 केस, जबकि भीलवाड़ा, चूरू, सवाई माधोपुर, सीकर और टोंक में 1-1 केस दर्ज हुए हैं।
चिकनगुनिया के आंकड़े
चिकनगुनिया के केस 12 जिलों में दर्ज किए गए हैं। उदयपुर और जयपुर में 4-4 मामले मिले हैं। कोटा में 3 और सीकर, झुंझुनूं, नागौर, करौली, जालोर, धौलपुर, चूरू, दौसा, अजमेर और अलवर में एक-एक केस सामने आया है।
मलेरिया के आंकड़े
मलेरिया के केस राजस्थान के 6 जिलों में सामने आए हैं। इनमें बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, उदयपुर और सलूंबर में 2-2 केस मिले हैं, जबकि सवाई माधोपुर में एक मामला डिटेक्ट किया गया है।
डॉक्टरों की राय
एसएमएस हॉस्पिटल, जयपुर के जूनियर स्पेशलिस्ट (जनरल मेडिसिन) डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान में डेंगू के केस पूरे साल देखे जा रहे हैं। पहले ये मामले मानसून के दौरान और उसके बाद नवंबर-दिसंबर तक सीमित रहते थे, लेकिन अब हर महीने मरीज सामने आ रहे हैं।
डेंगू और चिकनगुनिया में अंतर
डेंगू और चिकनगुनिया, दोनों बीमारियां मच्छर के काटने से होती हैं, लेकिन इनके लक्षण अलग-अलग हैं। डेंगू में तेज बुखार (40°C/104°F), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी, ग्रंथियों में सूजन, और मसूड़ों व नाक से खून आना जैसे लक्षण होते हैं। वहीं, चिकनगुनिया में बुखार, जोड़ों में दर्द और सूजन, त्वचा पर दाने और थकान महसूस होना सामान्य लक्षण हैं।
सरकारी स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के 49 में से 6 जिलों में मलेरिया, 11 जिलों में डेंगू और 12 जिलों में चिकनगुनिया के केस दर्ज हुए हैं।
सावधानी बरतने की जरूरत
डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि इन बीमारियों की गंभीरता कम है, लेकिन सर्दियों में भी मच्छरों से बचाव बेहद जरूरी है। लोगों को सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने, घरों के आसपास पानी जमा न होने देने और समय-समय पर फॉगिंग व कीटनाशक का छिड़काव कराने की सलाह दी गई है।
राजस्थान में सर्दी के बावजूद डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के सक्रिय मामले यह दर्शाते हैं कि इन बीमारियों से बचाव के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता फैलाने और रोकथाम के उपायों को लागू करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।