डूंगरपुर/जिले के बहुचर्चित संचिया गांव हत्याकांड में न्याय की उम्मीद कर रहे परिजनों को आखिरकार राहत मिली है। डीजे कोर्ट ने पांच साल पुराने इस हत्या के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक पुष्कर चौबीसी ने जानकारी दी कि बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत संचिया गांव निवासी 25 वर्षीय प्रकाशचंद्र 15 अक्टूबर 2018 की रात को गांव में गरबा देखने गया था। लेकिन देर रात तक घर नहीं लौटा। अगले दिन सुबह करीब 8:30 बजे उसकी लाश देवली घाटी सड़क किनारे संदिग्ध अवस्था में मिली थी।
प्रकाश के सिर पर गंभीर चोट के निशान थे और उसकी आंख व नाक से खून बह रहा था। प्रारंभिक जांच में मामला हत्या का पाया गया। पुलिस ने तत्परता से जांच शुरू करते हुए गांव के ही दीपक पुत्र बाबूलाल को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया। पूछताछ और सबूतों के आधार पर दीपक के खिलाफ आरोप प्रमाणित हुए।
पुलिस द्वारा केस का चालान डीजे कोर्ट में पेश किया गया। विस्तृत सुनवाई और गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने आरोपी दीपक को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और ₹10,000 के आर्थिक दंड की सजा सुनाई।
लोक अभियोजक चौबीसी ने बताया:
“यह फैसला समाज में कानून के प्रति विश्वास को मजबूत करता है। मृतक के परिजनों को अब न्याय मिला है।”
प्रमुख बिंदु:
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हत्या की घटना 15 अक्टूबर 2018 को हुई
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शव 16 अक्टूबर को मिला था
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आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया गया
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अब कोर्ट ने अंतिम निर्णय में दोष सिद्ध कर सजा सुनाई
इस फैसले से न केवल पीड़ित परिवार को न्याय मिला है बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश गया है कि हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर कानून सख्ती से कार्य करता है।