जयपुर: साइबर अपराधी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) तकनीक का इस्तेमाल कर ठगी के नए हथकंडे अपना रहे हैं। ये ठग वीडियो कॉल के जरिए किसी परिचित का चेहरा और आवाज हूबहू नकल कर लोगों से पैसे ऐंठ रहे हैं।
AI Cyber Fraud : राजस्थान पुलिस ने इस बढ़ते साइबर खतरे को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। साइबर सेल के एसपी शांतनु कुमार के मुताबिक, अपराधी फेस स्वैपिंग, वॉइस क्लोनिंग और डीपफेक वीडियो जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे असली और नकली में फर्क कर पाना मुश्किल हो जाता है।
कैसे होती है यह ठगी?
- AI फेस स्वैपिंग: बदमाश किसी भी व्यक्ति का चेहरा बदलकर वीडियो कॉल के जरिए धोखाधड़ी करते हैं।
- वॉइस क्लोनिंग: पीड़ित के परिचित की आवाज की नकल कर पैसों की मांग करते हैं।
- डीपफेक वीडियो: एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से नकली वीडियो बनाकर ठगी की जाती है।
कैसे बचें?
- किसी भी संदिग्ध वीडियो कॉल पर तुरंत विश्वास न करें।
- पैसे मांगने वाले व्यक्ति को अलग नंबर से कॉल कर वेरिफाई करें।
- वीडियो की गुणवत्ता, आवाज में गड़बड़ी या असामान्य हावभाव को परखें।
- धोखाधड़ी की आशंका होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
राजस्थान पुलिस ने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में AI आधारित साइबर अपराध बढ़ सकते हैं, ऐसे में हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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