सागवाडा। राज्य में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन उपखंड क्षेत्र का प्रशासनिक ढांचा अब भी ढुल मुल रवैया ही अपना रहा है। बांसवाड़ा मार्ग पर जेठाणा गाँव से गुज़र रहे नेशनल हाईवे पर बनी पुलिया के पास भराव कर पानी के बहाव का मार्ग बदलने का मामला में सागवाडा का प्रशासन अब भी चुप्पी साधे बैठा है। उपखंड मुख्यालय से पाँच किमी दूरी पर ही आडिवाट से कुछ आगे की ओर जा रहे बांसवाड़ा मुख्य मार्ग पर बने पुल से छेड़-छाड़ कर पक्का निर्माण कर पास में भराव किया गया था।
इस संबंध में “मेरा सागवाडा” में ख़बर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय गिरदावर और पटवारी ने मौक़े पर जाकर मामले की जानकारी ली। इसके बाद मौक़ा पर्चा बनाकर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत की लेकिन इसके कुछ दिन गुज़र जाने के बाद भी मौक़े पर यथास्थिति बनी हुई है। मुख्य मार्ग पर ही इस तरह के हो रहे अतिक्रमण को प्रशासन हटाने में नाकाम साबित हो रहा है। रोड़ के उत्तरी भाग में ऊपर की तरफ से आ रहे पुराने बहाव क्षेत्र को बदला दिया गया है। ऊपर से रोड़ को क्रॉस कर आगे बहने वाले पानी का रास्ता बदल दिया है। खुली निकासी को संकरा नाला बना कर उसे ढंक दिया है।
जिससे भविष्य में पानी की निकासी में अवरोध आने की संभावना बन रही है। इस मार्ग पर आए दिन क्षेत्र के आला अधिकारी गुज़रते हैं इसके बाद भी इस ओर ध्यान देकर कार्रवाई नहीं की जा रही है। पटवारी और गिरदावर की ओर से दी गई रिपोर्ट में भी माना गया है कि नाले पर अवैध रूप से निर्माण कर भराव किया जा रहा है।
इधर उक्त भूमि को लेकर पूर्व में भी लोगों द्वारा शिकायत की गई थी लेकिन अबतक न तो ग्राम पंचायत ने और न ही विभाग ने इस और कोई ध्यान दिया। जानकारी के अनुसार जिस पर भराव किया जा रहा है वो भी खातेदार के खाते में नहीं है।
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