अनावरण समारोह में सचिन तेंदुलकर के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, BCCI सचिव जय शाह, BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और NCP नेता शरद पवार भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन की पत्नी अंजलि और बेटी सारा भी मौजूद रहीं। दो दशकों के सफल करियर के बाद सचिन ने नवंबर 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में ही अपना 200वां और अंतिम टेस्ट खेला था।
सचिन क्रिकेट को परिवार से ऊपर रखते हैं – शाह
जय शाह बोले कि, सचिन तेंदुलकर क्रिकेट को अपने परिवार से भी ऊपर रखते थे। जब सचिन 1999 में वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद वह फिर से इंग्लैंड गए और केन्या के खिलाफ शतक बनाया और इसे अपने दिवंगत पिता और देश को समर्पित किया। शाह ने आगे कहा कि, सचिन ने ही सजेशन दिया था कि एमएस धोनी को टीम इंडिया का कप्तान बनाया जाना चाहिए।
मैंने अपना पहला रणजी मैच यहीं खेला- सचिन
स्टैच्यू बनने की बात पर सचिन तेंदुलकर ने इस साल मार्च में कहा था, ‘मुझे बहुत खुशी हो रही है। 1988 में वानखेड़े में यह सब शुरू हुआ। यहीं मैंने अपना पहला रणजी मैच खेला। मेरे प्रोफेशनल प्लेयर बनने से पहले यहीं पर कोच आचरेकर सर ने मुझे फटकार लगाई थी और उसके बाद से मैं एक सीरियस क्रिकेटर बन गया। ये मेरे लिए बहुत खास जगह है, इस जगह से मेरी बहुत ही खास यादें जुड़ी हुई हैं। वानखेड़े स्टेडियम में मेरा स्टैच्यू बनना बहुत बड़ी बात है।’
वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था 2011 वर्ल्ड कप फाइनल
2011 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला गया था। यहां भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड कप अपने नाम किया। भारत पहली ऐसी मेजबान टीम बनी थी, जिसने वर्ल्ड कप जीता था। इससे पहले किसी टीम ने अपनी जमीन पर वर्ल्ड कप नहीं जीता था। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी पूरा हुआ था।