चौरासी के रण में मुद्दा न बन जाये भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्तियां ?

– जनजाति विभाग की स्वच्छ परियोजना में भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्तियों के मामले तुल पकड़ा, भाजपा में भी हो रहा विरोध

– बड़े नेताओं का आपसी तालमेल के चलते बाप और कांग्रेस के नेता खुलकर विरोध नही कर पा रहे

– जैसे जैसे उप चुनाव नज़दीक आयेंगे वैसे वैसे यह मामला बेरोजगार युवाओं के बीच भुनाया जायेगा

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डूंगरपुर जिले में उप चुनाव चौरासी का रण होने वाला है। ऐसे में जनजाति विभाग की स्वच्छ परियोजना में भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्तियों का मामला तुल पकड़ा रहा है। आने वाले उप चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है। हालाँकि बाप और कांग्रेस के नेता खुलकर इस मामले में नहीं बोले हैं। कारण यहां बड़े नेताओं का आपसी तालमेल है लेकिन जैसे जैसे उप चुनाव नज़दीक आयेंगे वैसे वैसे यह मामला बेरोजगार युवाओं के बीच भुनाया जायेगा।

जनजाति विभाग की स्वच्छ परियोजना में चीफ कॉर्डिनेटर, कॉर्डिनेटर ओर असिस्टेंट कॉर्डिनेटर की पोस्ट पर भाजपा नेताओं के परिजनों, रिश्तेदारों और करीबी लोगों को प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये नियुक्ति देने का खुलासा होने के बाद डूंगरपुर जिले में राजनीति गरमा गई है। भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है और सडकों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वहीं, भाजपा नेता इस पूरे मामले में खुद को अनजान बताते हुए विरोधियों की और से भाजपा को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। इधर, सागवाडा विधायक शंकरलाल डेचा ने इस पूरे मामले से अपने आप को अलग कर लिया है।

भाजपा, कांग्रेस और बाप तीनों दल चौरासी के उप चुनाव में लगे हुए हैं। पिछले चुनाव के परिणामों को देख तो बाप यहां सबसे मज़बूत है। ऐसा माना जा रहा था कि राज्य में भाजपा की सरकार के बाद इस उप चुनाव में भाजपा बाप को टक्कर देगी लेकिन स्वच्छ परियोजना में नियुक्त के मामले के बाद भाजपा से जुड़े युवाओं में भी निराशा है। आदिवासी युवाओं के बीच पहले ही बाप की अच्छी पकड़ है। बाप की इसी पकड़ को तोड़ने की कोशिश में भाजपा के नेता और संघ लगा हुआ था। बताया जा रहा है कि संघ भी इस पूरे मामले को लेकर नाराज़ है। हालाँकि अब सभी इस मामले की जांच की बात कर रहे हैं।

इस पूरे मामले से भाजपा की साख पर बट्टा लगा है। मामला उजागर होने के बाद भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत और कांग्रेस के पूर्व राज्यमंत्री डॉ. शंकर यादव ने भाजपा के नेताओं को आड़े हाथों लिया है। सांसद राजकुमार ने कहा कि टीएडी विभाग आदिवासियों के कल्याण के लिए बना हुआ है, लेकिन भाजपा के नेताओं ने इसे भाजपा कल्याण विभाग और स्वच्छ परियोजना को भ्रष्ट परियोजना बना कर रख दिया है।कांग्रेस से पूर्व राज्यमंत्री डॉ. शंकर यादव ने नियुक्तियों में की गई बंदर बाट को लेकर भाजपा नेताओं पर हमला बोला और इसे डूंगरपुर जिले के बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा बताया।

वहीं, मामले को लेकर सड़कों पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। भाजपा से पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा ने नियुक्तियों से जुड़े मामले से खुद को बेखबर बताते हुए भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस पर भाजपा को बदनाम करने की सझिश बताया।

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