कहते हैं कि बड़ी सफलता अक्सर बड़े नाम, विशेषाधिकार और भारी बैंक बैलेंस के साथ आती है। लेकिन हेल्थकार्ट (HealthKart) के संस्थापक और सीईओ समीर माहेश्वरी ने इस सोच को पूरी तरह गलत साबित किया।
गुरुग्राम के एक साधारण मिडिल क्लास परिवार से आने वाले समीर ने 2011 में HealthKart की नींव रखी और आज कंपनी का मूल्य 4,500 करोड़ रुपये (लगभग 50 मिलियन डॉलर) तक पहुंच चुका है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि विरासत से ज्यादा महत्व मेहनत, अनुशासन और जुझारूपन का होता है।
बचपन से मिली सीख ने बनाई पहचान
समीर माहेश्वरी ने बताया कि उनका बचपन ऐसे घर में बीता जहां हर छोटी से छोटी चीज भी कमाकर ही मिलती थी। उन्हें क्रिकेट बैट जैसी साधारण चीज पाने के लिए भी लगातार अच्छा प्रदर्शन करना पड़ता था। इस अनुभव ने उन्हें सिखाया कि असली खुशी सिर्फ नतीजे में नहीं, बल्कि मेहनत की प्रक्रिया में होती है।
मध्यवर्गीय मानसिकता से बने 5 सबक
समीर ने अपने जीवन से पांच खास सीख निकाली, जिन्हें उन्होंने आज तक अपनाकर रखा है:
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पैसे का महत्व – हर रुपये का सही इस्तेमाल।
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ज़रूरत बनाम चाहत – विलासिता उपहार है, अधिकार नहीं।
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पहले बचत करना – हमेशा आय के भीतर रहकर भविष्य की योजना।
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कृतज्ञता – जो पास है उसकी सराहना करना।
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तुलना से प्रेरणा – असुरक्षा नहीं, बल्कि मोटिवेशन।
“मिडिल क्लास OS” है उनकी ताकत
आज भले ही समीर माहेश्वरी एक सफल उद्यमी और करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं, लेकिन उनकी आदतें अब भी मिडिल क्लास जैसी ही हैं। चाहे महंगे जूते खरीदने से पहले सोचना हो या ऑनलाइन सबसे सस्ता विकल्प ढूंढना – यह सब उनके लिए पैसों से ज्यादा सोच का हिस्सा है।
वह इसे अपना “Middle-Class OS” कहते हैं – एक जीवनभर का ऑपरेटिंग सिस्टम, जिसने उनकी सोच, काम और नेतृत्व शैली को आकार दिया है।
सफलता का असली मंत्र
समीर माहेश्वरी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए सिर्फ डिग्री या पैसा काफी नहीं होता। असली मायने रखते हैं – अनुशासन, संघर्ष, मेहनत और अपनी जड़ों से जुड़े रहना।
उनका सफर यह संदेश देता है कि “Middle Class Mindset ही असली Entrepreneurial Mindset है।”