सागवाड़ा में आवारा कुत्तों का आतंक, पिछले दो दिन में दो दर्जन से ज्यादा लोग हुए शिकार, पालिकाध्यक्ष बोले : जल्द ही पकड़ने की कार्यवाही करेंगे

सागवाड़ा। शहर में हर तरफ और हर जगह आवारा कुत्तों का आतंक है। अब ये आवारा कुत्ते अकेले चलने वालों राहगीरों के लिए बड़ा खौफ बनते जा रहे हैं। इनकी लगातार बढ़ रही आबादी को लेकर तो नगर पालिका प्रशासन संजीदा है ही इनकी आबादी को कम करने के लिए किसी तरह का प्रयास किया जा रहा है। हालात यह है कि शहर की शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां इनकी दहशत हो। पैदल चलने वालों अथवा बाइक आदि से चलने वालों के लिए ये आवारा कुत्ते आफत तो बन ही गए हैं, लेकिन अब यह बाजार में पैदल आने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहे है। शहर के विभिन्न सड़कों और मोहल्लों में इन कुत्तों का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि लोग रात तो रात दिन में भी इनके झुंड को देखकर रास्ता बदल लेने में ही गनीमत समझते हैं।

लोगों का कहना है कि शहर में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। शहर की शायद ही कोई सड़क या गली हो जहां इनकी दहशत हो। राहगीर परेशान हैं, पर करें भी तो क्या। राह चलते कब कुत्ते हमला कर रहे हैं, लेकिन इस पर नकेल कसने के लिए नगर निगम प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

शहर में कई स्थानों पर अक्सर आवारा कुत्तों के झुंडों को बैठे देखा जा सकता है। आलम यह है कि इनसे परेशान होकर लोग सुबह देर रात को घरों से निकलने से भी कतराने लगे हैं। आवारा कुत्तों की भरमार है जो अक्सर आने-जाने वाले लोगों पर झपट पड़ते हैं। कई बार ये लड़ते-लड़ते बीच सड़क में भी जाते हैं, जिससे दोपहिया वाहन चालकों का इनमें उलझकर गिरने का खतरा बना रहता है। कई बार ये लोगों की बाइक या कार के पीछे भागते हैं। झुंड में रहने वाले ये कुत्ते रात में सड़क पर आवागमन करने वाले किसी भी वाहन पर अचानक टूट पड़ते हैं। इनसे बचने के प्रयास में कई वाहन सवार दुर्घटनाग्रस्त हो चुके है।

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जानलेवा है रैबीज

कुत्तों के काटने से हाइड्रो फोबिया( रैबीज का लक्षण) होता है जो लाइलाज है। अब तक इसके उपचार को लेकर कोई खोज नहीं हो सकी है। कुत्ते काटने के 24 घंटे के भीतर एंटी रैबीज का टीका लगाना बेहद जरूरी है। इंजेक्शन नहीं लगाने पर रैबीज के वायरस फैलने का खतरा बना रहता है।

ज्यादातर इलाकों में कुत्तों का आतंक

शहर में आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक ने लोग सहमे हुए हैं। प्रमुख सड़कों के साथ गलियों में भी कुत्ते झूंड में बैठे रहते हैं। सबसे अधिक खतरा मासूम बच्चों पर है, जिन्हें देखते ही कुत्तों का झुंड हिंसक हो रहा है। अब तक माड़वी चौक, परमारवाड़ा, इंदिरा कॉलोनी, गामठवाड़ा, सुवारो का डूगरा, मोचीवाड़ा, शेखवाड़ा, महिपाल खेल मैदान के आसपास, सदर बाजार, प्राइवेट बस स्टेंड, कलालवाड़ी, नई वाव समेत शहर के ज्यादातर इलाकों में लोगो कुत्तों के शिकार हो चुके हैं। यही हाल रात के अंधेरे में बाइक से घर लौटने वाले बाइक चालकों का है, जिन्हें देखते ही कुत्ते हमला करने की कोशिश करते है। स्वयं को बचाने के फेर में बाइक चालक अनियंत्रित होकर हादसे के शिकार हो रहे है।

नगर में दो दिन में 2 दर्जन ज्यादा लोगों को कुत्ते ने काटा

नगर पालिका क्षेत्र में इन दिनों आवारा कुत्तों के आतंक से नागरिक परेशान हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर पिछले दो दिन में 34 लोग कुत्तों के काटने के शिकार हुए है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार रुखसार, आरती पुत्री रमेश मईडा, रेश्मा पत्नी लोकेश, नटवरलाल पुत्र नारायण लाल मेहता, हर्षराज पुत्र विजय सिंह, चंद्रकांता पत्नी गोपाल मोची, मरियम पत्नी अजित, फरिदा, पवन पुत्र भोगीलाल नंदोड़, सुखलाल पुत्र गला, जयेश पुत्र हेमंत मेहता, केहर सिंह पुत्र गुलाब सिंह, बापूलाल पुत्र नानालाल, वेसात पुत्र पेमजी अंगारी, रवीना पुत्री बलीराम पाटीदार समेत 34 जनों को सागवाड़ा नगर के अलग-अलग स्थान पर कुत्तों ने हमला कर जख्मी कर दिया। जिसमें ज्यादातर लोगों के पैरों पर कुत्ते के काटने से जख्म हुए हैं। इसमें शुक्रवार और शनिवार को 17- 17 जने कुत्तों के काटने के शिकार हुए।

नगर में श्वानो को पकड़ने का व्यापक अभियान शुरू किया जा रहा है जिन्हे पकड़ कर सुरक्षित जंगलो में छुड़वा दिया जाएगा!
नरेंद्र खोड़निया, पालिकाध्यक्ष, नगर पालिका, सागवाड़ा

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