- सिंधुघाटी सभ्यता पूर्व के गुफाओं में मिले शैल चित्रों की संस्कृति आदिवासी संस्कृति थी!
- सिंधुघाटी सभ्यता की ग्रामीण और नगरीय सभ्यता आदिवासी पूर्वजों की विरासत है!
- गंड प्रमुख शंभूशेक, कोयापुनेम मुखिया पारी कुपार लिंगों, रायतार जंगो, कली कंकाली आदिवासी दर्शन का मूलाधार है!
- पूर्व बुद्धों की समण परंपरा आदिवासी समुदाय का दार्शनिक आधार है!
- तथागत गौतम बुद्ध के तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले विचार हमारी प्रेरणा हैं!
- बौद्ध विश्वविद्यालयों की शिक्षा हमारी प्रेरणा हैं!
- गुरु नानक देव, संत कबीर महाराज, संत रविदास, बाबा रामदेव पीर, संत तुकाराम महाराज हमारी विचारधारा की प्रेरणा हैं!
- संत मावजी महाराज, संत सुरमाल खराड़ी महाराज, संत गोविंद गुरु महाराज, संत देवापुरी महाराज, संत वाल्मीक महाराज दादपुरी, संत गुलिया महाराज नंदुरबार हमारी विचारधारा के प्राण हैं!
ये सभी भारत भूमि के DNA महापुरुष थे इसलिए उनके प्रकृतिसम्मत, विज्ञानसम्मत, मानवता, भाईचारे, समानता, न्याय, स्वतंत्रता भरे जीवनमूल्यों को हम स्वीकार करते हैं, विदेशी स्टेपीज यामनीया DNA R1A1 के गुलाम आदिवासी नहीं हैं इसलिए हिंदू नहीं हैं
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