चीनी ऐप पर सरकार ने फिर लिया ऐक्शन
सरकार ने एक बार फिर चीनी ऐप्स (Chinese Apps) पर ऐक्शन लिया है। केंद्र ने सुरक्षा का हवाले देते हुए चाइनीज लिंक वाले 232 एप को बैन कर दिया है। जिन ऐप को सरकार ने बैन किया है, उनमें इन एप में 138 बेटिंग एप और 94 लोन एप शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने चाइनीज लिंक वाले इन सभी एप को तत्काल प्रतिबंधित और ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसा गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय के बाद किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, जिन ऐप के खिलाफ कार्रवाई की गई है उन पर गृह मंत्रालय पिछले छह महीने से नजर रख रहा था। हालाँकि, गृह मंत्रालय कु 288 चाइनीज लोन एप का नजर रख रहा था, लेकिन इनमें 94 एप स्टोर पर उपलब्ध हैं। बाकी एप थर्ड पार्टी लिंक के माध्यम से काम कर रहे हैं।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन एप के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इन एप को तत्काल और आपातकालीन आधार पर प्रतिबंधित और ब्लॉक करने का निर्णय लिया।
लोन एप के जरिए ब्लैकमेलिंग की कई घटनाएँ भी सामने आ चुकी हैं। ये एप बिना किसी कागजी कार्रवाई और केवाईसी के लोन देने का ऑफर देते हैं। ऐसे में लोन के लालच में जब इन चीनी ऐप को डाउनलोड कर लेते हैं तो वह उनके मोबाइल से निजी तस्वीरें और चुरा करने लगता है।
जब कोई यूजर लोन की रकम चुकाने में देर करता तो उसे इनके सहारे ब्लैकमेल करते। ऐसे में सुसाइड तक की नौबत आ चुकी है। इनके जाल में फँसते ही कर्ज पर ब्याज को 3000 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाता है। इसलिए उनके कर्ज की भरपाई करना कठिन हो जाता है। ऐसे एप्स का डायरेक्टर आमतौर पर भारतीयों को बनाया गया था, लेकिन संचालन चीन से होता था।
इसके पहले फरवरी 2022 में सरकार ने 54 चीनी ऐप को ब्लॉक करने का निर्णय लिया था। इन 54 चीनी ऐप्स में ब्यूटी कैमरा, स्वीट सेल्फी एचडी, सेल्फी कैमरा, इक्वलाइजर और बास बूस्टर, आइसोलैंड 2, एशेज आफ टाइम लाइट, वाइवा वीडियो एडिटर, टेनसेंट एक्सरिवर, ओनमोजी चेस, ओनमोजी एरिना, ऐपलाक, डुअल स्पेस लाइट शामिल थे।
जून 2021 में भी भारत ने देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खतरे को ध्यान में रखते हुए व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे टिकटॉक, वीचैट और हेलो सहित 59 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 29 जून, 2021 के आदेश में प्रतिबंधित अधिकांश ऐप्स को लेकर खुफिया एजेंसियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि यूजर्स डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और संभवतः उन्हें बाहर भी भेज रहे हैं।
इसके बाद 27 जुलाई 2021 को भी 47 चीनी ऐप बैन किए गए थे। सरकार ने यह कदम तब उठाया था, जब लद्दाख में तनाव बढ़ रहा था और चीनी सैनिकों ने दो बार घुसपैठ की कोशिश की थी। इन ऐप के जरिए के जरिए भारतीय लोगों के डेटा इकट्ठा किया जा रहा था।
सितंबर 2021 में भी भारत सरकार ने 118 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। भारत सरकार की तरफ से ये कहा गया था कि भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए ये ऐप्स हानिकारक हैं। फिर नवंबर में भारत सरकार ने 43 मोबाइल ऐप्स बैन किया था। इसे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा बताया गया था।
चीन ने ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के भारत सरकार के फैसले का विरोध किया था। चीन ने कहा था कि यह कार्रवाई विश्व व्यापार संगठन के गैर-भेदभावपूर्ण सिद्धांतों का उल्लंघन है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा यह कार्रवाई 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान के बाद चीन के खिलाफ की गई थी। पिछले साल पूर्वी लद्दाख की गालवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे।