संतोष व्यास/डूंगरपुर। सोमवार को एडीजे कोर्ट सागवाड़ा ने आसपुर थाना क्षेत्र के पचलासा छोटा में एक विवाहिता को जिंदा जलाने के बहुचर्चित मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले में 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है, जबकि 21 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल ने सोमवार को सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुनाया है। लोक अभियोजक आजाद शाह ने बताया कि कोर्ट ने पचलासा छोटा निवासी कल्याणसिंह, गजेंद्रसिंह, रणजीतसिंह, प्रवीणसिंह और ईश्वरसिंह को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी माना है। कोर्ट ने पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 3 लाख 1 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में 21 आरोपियों को बरी कर दिया है।
लोक अभियोजक आजाद शाह ने बताया कि पचलासा छोटा निवासी कलावती देवी ने 5 मार्च 2016 को आसपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
कलावती ने बताया था कि उसके 2 बेटे और 3 बेटियां हैं। उसके बड़े बेटे प्रकाश ने पचलासा छोटा निवासी विजयसिंह की बेटी रामेश्वरी से प्रेम विवाह किया था तब से वह बाहर ही रह रहा था। 7 साल बाद 3 मार्च 2016 को बेटा प्रकाश पत्नी रामेश्वरी व अपनी छोटी बेटी को लेकर वापस घर पर आया।
4 मार्च 2016 की शाम के समय रामेश्वरी बाथरूम में थी तभी अचानक विजयसिंह का लडक़ा लक्ष्मणसिंह और उसके भाई का लडक़ा प्रवीणसिंह और उनके परिवार के 30 से 35 लोग आए तथा घर से रामेश्वरी को हाथ पकडक़र खींचकर गांव के चौराहे लक्ष्मीनारायण मन्दिर के सामने ले जाकर मारपीट कर मिट्टी का तेल डालकर जला कर मार दिया। उक्त मामले में कोर्ट ने 5 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है, जबकि 21 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।