Banswara: शिकायत दर्ज नहीं करने पर, चालान पेश करने में देरी करने और कमजोर जांच रिपोर्ट पर कोर्ट में अपराधियों को जमानत मिल जाने के मामले तो सूने होंगे लेकिन नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में आंबापुरा पुलिस ने नजीर पेश की है।
मामले में पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए न सिर्फ 24 घंटे में आरोपी दिलीप पारगी को गिरफ्तार कर लिया बल्कि तमाम सबूत जुटाकर चौथे ही दिन (120 घंटे) कोर्ट में चालान भी पेश कर दिया। जिससे की साढ़े 13 साल की मासूम बालिका को त्वरित न्याय दिलवाया जा सके। इस जांच को कम समय में पूरा करने के लिए थानाधिकारी समेत 8 जवानों की पूरी टीम जुटी थी। जिससे आरोपी को गिरफ्तार करने, नाबालिग के बयान लेने से लेकर एफएसएल रिपोर्ट जयपुर लेकर जाने और चालान रिपोर्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया को कम समय में अंजाम दिया गया।
यह नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में बांसवाड़ा पुलिस की और से अब तक सबसे कम अवधि में पेश किया गया चालान है। घिनौनी वारदात की त्वरित जांच कर खुलासा करने वाली टीम में थानाधिकारी रामरूप मीना के अलावा हैड कांस्टेबल बसुलाल, कांस्टेबल भागचंद, विकास, सुरेश, कमलेश, मोनिका, सुखलाल शामिल रहे। गौरतलब है कि दीपावली के दिन भी आंबापुरा क्षेत्र में एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाला था।
एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने बताया कि नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले में आंबापुरा पुलिस ने बेहतरीन काम किया है। पुलिस की यह गंभीरता अपराधियों में खौफ तो पैदा करती ही है, समाज में भी पुलिस के प्रति भरोसा और बढ़ाता है। 26 नवंबर को एक मां अपनी साढ़े 13 साल की मासूम बेटी को लेकर थाने आई। महिला ने बेटी के साथ दुष्कर्म होना बताया। मैंने तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
एफआईआर ऑनलाइन दर्ज हो रही थी लेकिन हमने बिना देरी तत्काल 8 जवानों की टीम बनाई और आरोपी तलाश शुरू कर दी। आरोपी दिलीप गुजरात जाने की फिराक में था लेकिन इससे पहले ही 27 अक्टूबर को हमारी टीम ने उसे धरदबोचा लिया। इसके बाद हमने मौका तस्दीक कराई। हमें आरोपी से और अधिक पूछताछ करनी थी इसलिए कोर्ट में पेश करके एक दिन की पुलिस रिमांड ली। दूसरी ओर हमारी एक टीम एफएसएल साक्ष्य लेकर जयपुर रवाना हो गई। वहीं हमारी एक टीम चालान की पत्रावलियां बनाने में लगी रही। 30 अक्टूबर को रिपोर्ट लेकर लौटी तो उसी समय हमने एसपी से आदेश लेकर कोर्ट में चालान पेश कर दिया।
हमने चालान पेश करने से पहले भी पूरी विस्तृत जांच की और सबूत जुटाए हैं, जिससे कि आरोपी को कठोर सजा दिलाई जा सके। हमनें 3 से 4 गवाहों के बयान लिए हैं, मौका तस्दीक और एफएसएल रिपोर्ट कराई है। इसके अलावा वारदात की हर एंगल से जांच कर साक्ष जुटाए गए हैं। -(जैसा कि थानाधिकारी रामरूप मीना ने भास्कर को बताया।) 26 नवंबर को आंबापुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में साढ़े 13 वर्षीय बालिका ने मां के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें बताया कि रात में करीब 11 बजे वह घर के आंगन में सो रही थी। मां खेत में पानी पिलाने गई थी। बालिका घर पर अकेली थी, तभी सालिया का आरोपी दिलीप पारगी आया और पीड़िता का मुंह दबाकर उसे उठाकर आंगन में ले गया।
चिल्लाने लगी तो मुंह दबाकर खींचता हुआ पास खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने करीब 3 घंटे उसके साथ दुष्कर्म किया। रात करीब 2 बजे पीड़िता बदहवास हाल में घर लौटी और मां को आपबीती बताई। इधर, बेटी को न्याय दिलवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही पीड़िता की विधवा मां को धमकियां मिल रही थी।
महिला को पुलिस में शिकायत दर्ज करने पर सामाजिक बहिष्कार करने और आरोपी ने खुद को नुकसान पहुंचा देने का संदेह जताकर दबाव बनाया जा रहा था लेकिन बेटी की पीड़ा देख मां खुद को रोक नहीं पाई और बिना किसी दबाव के थाने पहुंच शिकायत दर्ज कराई। इसी वजह से पुलिस ने कार्रवाई में भी तेजी रखी, ताकि आरोपियों में खौफ पैदा हो और वह पीड़िता व उसकी मां को परेशान नहीं कर पाएं।