हॉकी वर्ल्ड कप 2023 का आगाज 13 जनवरी काे झारखंड की राजधानी से 160 किमी दूर ओडिशा के राउरकेला से हाेगा। खास बात यह कि स्टेडियम का नाम झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के नाम पर Birsa Munda World Wide Hockey Stadium रखा गया है। 15 एकड़ में बना यह दुनिया का पहला इको फ्रेंडली और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम है। 27 हजार दर्शकों की क्षमता वाला यह भारत का सबसे बड़ा हॉकी का स्टेडियम हाेगा। इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी ने स्टेडयिम का निर्माण किया है।
कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजय सिंह ने बताया कि ओडिशा सरकार ने पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए विश्वस्तरीय स्टेडियम बनाने का जिम्मा दिया था। 12 महीने में काम पूरा करना था, जाे लगभग हाे चुका है। 300 करोड़ से हॉकी के इस मैदान काे हर माैसम के अनुकूल बनाया गया है। बता दें कि दुनिया में हॉकी का सबसे बड़ा गद्दाफी इंटरनेशनल स्टेडियम पाकिस्तान के लाहौर में है। इसकी क्षमता 27 हजार दर्शकों की है।
ये है स्टेडियम की खासियत… टनल से जुड़ा है प्रैक्टिस पिच और ड्रेसिंग रूम
20,393 दर्शकों की क्षमता वाला बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम कई मामलों में खास है। यहां हर सीट की बनावट ऐसी है कि दर्शक दुनिया के किसी भी स्टेडियम के मुकाबले पिच के ज्यादा करीब होंगे। स्टेडियम में प्रैक्टिस पिच और चेंजिंग रूम को जोड़ने के लिए एक टनल है। फिटनेस सेंटर, रिकवरी केंद्र और पिच के पास हाइड्रोथेरेपी पूल बनाया गया है। इससे जुड़े दाे होटल हैं, जहां खिलाड़ियों काे रखा जाएगा। स्टेडियम एंटी अर्थ क्विक, यानी भूकंप रोधी है। अंदरूनी हिस्से की शीतलता के लिए 250 एचपी डक्टेबल एसी यूनिट लगाया जा रहा है, जाे माैसम काे अनुकूल बनाए रखेगा।
ओडिशा दूसरी बार करेगा मेजबानी
बीजू पटनायक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के इंजीनियरों ने स्टेडियम की डिजाइन तैयार की है। देश में इससे पहले 1982 (मुंबई), 2010 (दिल्ली) और 2018 (ओडिशा) में हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन हाे चुका है। अब चौथी बार हाेने जा रहा है। वहीं, ओडिशा दूसरी बार मेजबानी करेगा। 2023 में पहला मैच इंग्लैंड और वेल्स और दूसरा भारत और स्पेन के बीच होगा।
हॉकी स्टेडियम के बारे में यह भी जानें…
35 एकड़ में फैला है परिसर
14 एकड़ में हॉकी स्टेडियम
300 करोड़ का आया खर्च