बांसवाड़ा: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित यस बैंक की शाखा में बड़ा साइबर ठगी घोटाला सामने आया है। इस घोटाले में बैंक के डिप्टी मैनेजर मेगनेश जैन और पूर्व कर्मचारी दिव्यांशु सिंह ने साइबर ठगी के मास्टरमाइंड अमन कलाल के साथ मिलकर करीब 12.8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
कैसे रची गई साइबर ठगी की साजिश
जांच में सामने आया कि आरोपी बैंककर्मी निष्क्रिय (Inactive) खातों को पुनः सक्रिय करते और फिर उनमें जमा साइबर ठगी की राशि को फर्जी हस्ताक्षरों के जरिए निकाल लेते थे।
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अमन कलाल ने पहले दिव्यांशु को और फिर मेगनेश को अपने जाल में फंसाया।
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इन खातों में आने वाली राशि को छोटे-छोटे हिस्सों में निकालकर हवाला के ज़रिए दुबई भेजा जाता था।
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खाताधारकों के चेकबुक और ATM कार्ड दिव्यांशु अपने पास रखता और सेल्फ चेक से निकासी करता।
पुलिस कार्रवाई
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डिप्टी मैनेजर मेगनेश जैन (28 वर्षीय) और पूर्व कर्मचारी दिव्यांशु सिंह (30 वर्षीय) गिरफ्तार।
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मास्टरमाइंड अमन कलाल अभी फरार, पुलिस ने विशेष टीमें गठित की हैं।

देशभर में फैला था नेटवर्क
आरोपियों ने दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गोवा, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लोगों को ठगा। 44 से ज्यादा शिकायतें विभिन्न राज्यों से दर्ज की गई हैं।
ठगी के तरीके
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डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर QR कोड स्कैन करवाना
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फर्जी वेबसाइट्स बनाकर नौकरी, पार्ट टाइम जॉब का झांसा
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शेयर मार्केट, क्रिप्टो में निवेश का लालच
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टेलीग्राम ग्रुप के ज़रिए दुगनी राशि का प्रलोभन
बैंक खातों का दुरुपयोग
दिव्यांशु ने अपनी पहचान और विश्वास का लाभ उठाकर जान-पहचान वालों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाए, फिर उन्हें बंद कराने के बहाने चेकबुक अपने पास रख ली। इन्हीं खातों में करोड़ों की ठगी की राशि ट्रांसफर होती रही।
11 खाताधारकों पर केस दर्ज
11 खातों पर कुल 44 साइबर ठगी के केस दर्ज हुए हैं। इनमें बालकृष्ण डोडियार, शीतल बेन कलाल, तनेश शाह, कौशल, राहुल पाटीदार, रेखा कुंवर, शिवानी सोलंकी और संतोष शर्मा जैसे नाम शामिल हैं।