सागवाड़ा। बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में हिंसा फैलाने वाले मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार गोगाराम मीणा को ज्ञापन सौंप।
ज्ञापन में बताया कि राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है, उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है।
शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए।
ज्ञापन के माध्यम से बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लागू करने, हिंसा की जांच एनआईए से करवाकर दोषियों को अविलंब दंडित करने, बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में देने, बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित करने सहित कई मांगे रखी।
इस मौके पर प्रकाश व्यास, नरेंद्र भगत, अशोक पटेल, उमाकांत व्यास, आशीष शर्मा, पंकज, कमलेश्वरी गुप्ता, यशवंत गवारिया, आशीष गांधी, अर्जुन भाटिया, बालकृष्ण पाटीदार सहित कई पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहें।