जयपुर। राजस्थान में एक बार फिर लाल डायरी पर सियासत सुर्ख हो गई है। जोधपुर में पहले मोदी ने लाल डायरी का मामला उठाते हुए काले कारनामों पर कार्रवाई का वादा किया, इसके बाद जयपुर में गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि लाल डायरी को लेकर ऐसा षड्यंत्र किया, जो फ्यूज हो गया।
गहलोत ने कहा- बाकायदा बीजेपी के हेडक्वार्टर में बैठकर षड्यंत्र रचा गया। बीजेपी हेडक्वार्टर में अमित शाह, जेपी नड्डा, गजेंद्र शेखावत, जफर इस्लाम ने मेरी सरकार गिराने का षड्यंत्र किया। पांच साल तक मेरी सरकार को डिस्टर्ब रखा है। इनकी करतूतों के कारण 40 दिनों तक विधायक होटलों में रहे। ये सत्ता में रहने लायक लोग हैं क्या?
गहलोत ने कहा- ये चुनी हुई सरकारों को गिरा रहे हैं। इन्हें सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में इन्होंने चुनी हुई सरकारों को गिराया। ये चुनी सरकारें गिरा रहे हैं। फिर चुनाव का मतलब क्या रह जाएगा? आने वाले वक्त में चुनाव करवाना चाहते हो या नहीं।
वसुंधरा और मोदी का झगड़ा तो पुराना है
गहलोत ने कहा- मोदी और बड़ा एहसान कर रहे हैं हमारे ऊपर कि राजस्थान को पानी दिया। अरे आपने क्या पानी दिया? राजस्थान का जो हक था उसका पानी मिला। हमारा अधिकार था पानी लेने का, वह पानी दिया। गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के साथ हमारे पानी के समझौते हैं। कई जगह हमें पानी मिल नहीं पा रहा, हमें उसकी चिंता है। मुझे याद है, जब नर्मदा का पानी राजस्थान में आया था तो उद्घाटन किया था।
गहलोत ने कहा- सांचौर में वसुंधरा राजे ने मीटिंग की थी पानी आने के उपलक्ष्य में और उसके 1 किलोमीटर दूर गुजरात साइड के अंदर मोदी जो उस वक्त मुख्यमंत्री थे, उन्होंने मीटिंग रखी। आप बताइए आपका झगड़ा उस वक्त से शुरू है और बर्बाद आप राजस्थान को कर रहे हो। एक किलोमीटर गुजरात साइड में मोदी मीटिंग कर रहे थे पानी भेजने के उपलक्ष्य में और यहां उद्घाटन हो रहा था पानी लेने के उपलक्ष्य में। यह तो उनकी स्थिति थी।
झगड़ा वसुंधरा राजे और बीजेपी हाईकमान के बीच का है, जनता इसे क्यों भुगते?
गहलोत ने कहा- हम बीजेपी की योजनाओं को बंद नहीं कर रहे हैं। ईआरसीपी बीजेपी की योजना थी। उसे हम आगे बढ़ा रहे हैं। केंद्र ने मध्य प्रदेश को भड़काकर ईआरसीपी के तहत बांध बनवाने का काम रुकवाने का प्रयास किया है। वसुंधरा राजे के समय की स्कीम को हम आगे बढ़ा रहे हैं। उनका आपस का झगड़ा है। झगड़ा वसुंधरा राजे और बीजेपी हाईकमान के बीच का है। इसका नतीजा राजस्थान की जनता क्यों भुगते? लोकतंत्र में यह अच्छी बात नहीं है। ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा करके भी पीएम मोदी ने इसे लागू नहीं किया।