Income Tax Exemption : टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि पिछले 9 साल से आयकर छूट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन टैक्स पेयर को इस बार उम्मीद है कि वित्त मंत्री की तरफ से इस बार जरूर कुछ राहत देने वाला ऐलान किया जाएगा.
Income Tax in 1950: फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए बजट पेश होने में एक महीने से भी कम का समय रह गया है. 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू होगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा. इस बार के बजट से किसानों, व्यापरियों और नौकरीपेशा सभी लोगों को उम्मीदें हैं. इस बार आयकर छूट की सीमा भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है. अभी तक ढाई लाख रुपये तक की आय पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता. लेकिन क्या आपको पता है आजाद भारत में जब पहली बार बजट पेश किया गया तो किस हिसाब से आयकर का भुगतान करना होता था.
आजादी के बाद हर सरकार लेती है टैक्स :
टैक्सपेयर्स को उम्मीद है कि पिछले 9 साल से आयकर छूट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन टैक्स पेयर को इस बार उम्मीद है कि वित्त मंत्री की तरफ से इस बार जरूर कुछ राहत देने वाला ऐलान किया जाएगा. लेकिन क्या आपको आजादी के समय लगाएं जाने वाले इनकम टैक्स के बारे में पता है. यह दिलचस्प है कि आजादी के बाद से अब तक हर सरकार टैक्स लेती है. यह भी बताया जाता है कि आजादी से 82 साल पहले आदमी की इनकम पर टैक्स की व्यवस्था लागू कर दी गई थी.
1,500 रुपये तक की आय थी टैक्स फ्री :
1949-50 के आजाद भारत के बजट में पहली बार इनकम टैक्स की दरों को तय किया गया था. बजट में इनकम टैक्स की दर तय होने के बाद 1,500 रुपये तक की आय पर किसी तरह का आयकर नहीं देना होता था. 1950 के बजट में 1,501 रुपये से 5,000 रुपये तक की सालाना आय पर 4.69 प्रतिशत इनकम टैक्स का प्रावधान था. वहीं 5,001 से 10,000 रुपये तक की आय पर 10.94 प्रतिशत टैक्स चुकाना जरूरी था.
हर साल टैक्स के नियमों में बदलाव किए गए :
इसके बाद यदि किसी की आय 10,001 से लेकर 15,000 रुपये तक है तो उसे 21.88 प्रतिशत के हिसाब से आयकर चुकाना पड़ता था. वहीं 15,001 रुपये से ज्यादा की आमदनी वालों के लिए इनकम टैक्स का स्लैब 31.25 प्रतिशत था. इसके बाद साल दर साल टैक्स के नियमों में बदलाव किए गए. अब आयकर छूट की सीमा बढ़कर ढाई लाख रुपये हो गई है. इस बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है.
आजादी से पहले का इनकम टैक्स :
आजाद भारत में पहली बार 1949-50 के बजट में इनकम टैक्स (Income Tax) की दर को तय किया गया था. इससे पहले 10 हजार तक की सालाना आय पर 4 पैसे टैक्स देना होता था. बाद में इसे घटाकर 10,000 रुपये तक की आमदनी पर 3 पैसे कर दिया गया. वहीं 10 हजार से ज्यादा कमाने वालों को टैक्स के रूप में 1.9 आना देना होता था.