Jan Sangharsh Yatra : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धौलपुर में किए सियासी हमले के बाद टोंक विधायक सचिन पायलट भी जवाबी पलटवार की तैयारी में हैं। दोनों की राजनीतिक अदावत का केंद्र बिंदू अजमेर बनने जा रहा है। पायलट अजमेर में आरपीएससी से ही जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे। राजनीतिक हल्कों में इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल में धौलपुर में आयोजित जनसभा में साल 2020 में मानेसर गए विधायकों पर करोड़ों रुपए लेने की बात कही थी। इसके बाद से राज्य की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। वहीं टोंक विधायक पायलट अब उन्हें अलग अंदाज में जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं।
राजनीतिक जाजम करेंगे मजबूत : पिछले 35 दिनों में मुख्यमंत्री गहलोत ने अजमेर की 3 यात्राएं कर पायलट को घर में ही घेरने की रणनीति बनाई। अब पायलट पलटवार कर यह बताना चाहते हैं कि अजमेर में उनका प्रभाव हल्के में आंकने की गलती नहीं की जाए। उनकी अजमेर से शुरू हो रही यात्रा को कई राजनीतिक विश्लेषक आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी रण के रूप में देख रहे हैं। गौरतलब है कि गहलोत 1 और 21 अप्रेल तथा 5 मई को अजमेर का दौरा कर चुके हैं।
जनता के रुख को भांपने का तरीका : सियासी तौर पर पायलट जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहते। अंदरखाने कहा जा रहा है कि पायलट विधानसभा चुनाव तक और यात्राएं निकाल सकते हैं। इसका मकसद जनता के रुख को भांपना भी है।
अजमेर बनेगा सियासी केंद्र : पायलट राजस्थान लोक सेवा आयोग कार्यालय के पास से जन संघर्ष यात्रा शुरू करेंगे। इसके लिए अशोक उद्यान पर सभास्थल तैयार किया जा रहा है। वह रोजाना 25 किलोमीटर पैदल चलेंगे। पायलट समर्थक अजमेर और जिले के नेता पदयात्रा में शामिल होंगे। उनके समर्थकों की ओर से बुधवार को शहर एवं गांवों में पीले चावल बांटने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
इसलिए अजमेर से यात्रा शुरू : आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने ही पेपर आउट किया, जो सीएम का करीबी बताया जाता है।
आरपीएससी ही युवाओं को सरकारी नौकरी देने वाला प्रमुख संस्थान, युवाओं की यहीं से आवाज मुखर।
पायलट समर्थक एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जरिए शक्ति प्रदर्शन का प्रयास।