– आवंटित पट्टों की भूमि वहा से गुजर रहे नेशनल हाईवे के क़ब्ज़े में आ रही है और जिनका मुआवज़ा भी बन चुका है
– पट्टे निरस्त करने और मुआवजा नहीं देने को लेकर ग्रामीण हुए विरोध में तो पंचायत ने भी लिखा पत्र
सागवाडा/उपखंड की ग्राम पंचायत गोवाडी में पट्टा वितरण का खेल चल रहा है। एक ओर पंचायत जहां गलत तरीक़े से पट्टे आवंटित की बात कर पट्टे निरस्त करने की बात कर रही है वहीं अधिकारियों पर मुआवजा के भुगतान का दबाव भी बनाया जा रहा हैं। जानकारों की मानें तो कमीशन के चक्कर में यह सारा खेल चल रहा है।
गोवाडी पंचायत की ओर से पूर्व में जारी किए गए पट्टों को निरस्त करने की माँग की जा रही है। ऐसा तब हो रहा है जब आवंटित पट्टों की भूमि वहा से गुजर रहे नेशनल हाईवे के क़ब्ज़े में आ रही है और जिनका मुआवज़ा बन चुका है। पट्टा वितरण में तत्कालीन सरपंच और सचिव की संदिग्ध भूमिका के बाद भी प्रशासन की ओर से अभी तक दोनों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पंचायत की ओर से जारी पट्टों को न सिर्फ़ निरस्त करने की माँग की जा रही है बल्कि मुआवज़ा भी रोकने की माँग प्रशासन से की गई है। यह पूरा मामला कलेक्टर के पास लंबित है। इधर कुछ लोग स्थानीय प्रशासन पर जल्द से जल्द मुआवज़ा जारी कराने का दबाव भी बना रहे हैं। ग्राम पंचायत गोवाडी की बेशक़ीमती भूमि के आवंटन को लेकर शुरू से संशय बना हुआ है और कई बार विवाद भी सामने आया है।
सागवाडा पंचायत समिति के प्रधान और भाजपा के बड़े नेता ईश्वर सरपोटा के परिवार से जुड़े सदस्य ही पंचायत में सरपंच के पद पर रहे हैं। वर्तमान में प्रधान की पत्नी पुष्पा सरपोटा सरपंच है। वर्ष 2016 -2018 में पंचायत की आबादी भूमि पर करीब 18 पट्टे जारी किये गये थे। तब प्रधान ईश्वर सरपोटा की परिवार से ही चंदा देवी सरपंच रही। ख़ास बात ये है कि जिस सचिव मे पट्टे आवंटित किए थे वही सचिव पट्टे निरस्त करने को लेकर प्रशासन के सामने गुहार लगा रहे हैं।
पंचायत की ओर से नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने का मामला ग्रामीणों के सामने आया तो उन्होंने उपखण्ड अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि पंचायत ने ख़ाली पड़े भूखंडों पर आवासीय पट्टे जारी कर दिए जो नियम विरुद्ध है। ग्रामीणों की शिकायत मिलने के बाद फँसते दिख रहे हैं सचिव और सरपंच ने भी पट्टे निरस्त करने और मुआवज़ा नहीं देने को लेकर प्रशासन को पत्र लिखा। उल्लेखनीय है कि क़रीब 18 पट्टे गोवाडी से गुज़र रहे बायपास की सीमा में आ रहे हैं जिनका करोड़ों का मुआवज़ा बन रहा है।
पंचायत की ओर से उपखण्ड अधिकारी को लिखे पत्र में खसरा नंबर 654, 4251/ 654, 4148/654, 4248/3774, 4390/ 3469 में गलत पट्टे जारी कर दिये गये हैं इस लिये इन्हें न तो मुआवजा दिया जाये और इनके पट्टे भी निरस्त कर दिये जाये। जानकारी के अनुसार जिन लोगों को पंचायत ने पट्टे दिए थे उसमें से कई लोगों ने ज़मीन दूसरों को बेच दी है। ऐसे में पट्टे वितरण में बड़ा खेल सामने आने की संभावना है।