Mulayam Singh Yadav RIP : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (82) का निधन हो गया है. वह काफी समय से बीमार चल रहे थे. वहीं, मुलायम के निधन की सूचना मिलते ही देश सहित उत्तर प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मुलायम सिंह यादव के निधन से शोक में हैं. सभी अपने चहेते नेता को याद कर रहे हैं
Mulayam Singh Yadav RIP: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव नहीं रहे. पिछले 10 दिन से मेदांता के आईसीयू और क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहने के बाद नेताजी ने सोमवार सुबह 8 बजे के करीब अंतिम सांस ली. 82 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव के निधन से देश भर में उनके समर्थकों और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़कर काम करने वाले राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है.
Mulayam Singh Yadav RIP जुलाई में पत्नी साधना गुप्ता का हुआ था निधन:
इससे पहले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की पत्नी साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) का इसी साल जुलाई में निधन हो गया था. फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनका गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद निधन हुआ था. साधना मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी मालती देवी का 2003 में निधन हो गया था. मालती देवी अखिलेश यादव की मां थीं.
Mulayam Singh Yadav RIP 1992 में की सपा की स्थापना:
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. पांच भाइयों में मुलायम तीसरे नंबर पर थे. मुलायम सिंह ने पहलवानी से अपना करियर शुरू किया. वह पेशे से अध्यापक रहे. उन्होंने कुछ समय तक इंटर कॉलेज में अध्यापन किया. पिता उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे. फिर अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह को प्रभावित करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े से कदम रखा. वह 1982-1985 तक विधान परिषद के सदस्य रहे.
लोहिया आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की. मुलायम सिंह यादव को राजनीति के अखाड़े का पहलवान कहा जाता था. वह प्रतिद्वंद्वियों को चित करने के माहिर रहे. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्होंने वो ऊंचाई हासिल की जो किसी भी नेता के लिए सपना होता है. उन्होंने तीन बार राज्य की कमान संभाली. वह देश के रक्षा मंत्री भी बने. उत्तर प्रदेश विधानसभा के वह आठ बार सदस्य रहे.
Mulayam Singh Yadav RIP मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक करियर पर एक नजर…
साल 1967 में मुलायम सिंह पहली बार विधायक बने. इसके बाद 5 दिसंबर 1989 को पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. मुलायम ने अपना राजनीतिक अभियान जसवंतनगर विधानसभा सीट से शुरू किया. वह सोशलिस्ट पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से आगे बढ़े. 1967, 1974, 1977, 1985, 1989 में वह विधानसभा के सदस्य रहे. मुलायम सिंह 1989, 1993 और 2003 में यूपी के सीएम रहे. वह लोकसभा के सदस्य भी रहे.
1996 के चुनाव में जीतकर वह पहली बार संसद पहुंचे. इसके बाद 1998 में वह जीत हासिल किए. 1999 के चुनाव में भी उनकी जीत का सिलसिला जा रही. 2004 में वह मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीते. 2014 में वह आजमगढ़ संसदीय सीट और मैनपुरी से चुनाव लड़े और दोनों जगह से ही जीत हासिल किए. सपा के इस दिग्गज नेता की जीत का सिलसिला 2019 के चुनाव में भी जारी रहा और मैनपुरी से जीतकर एक बार फिर संसद पहुंचे.
8 बार विधायक और 7 बार बने सांसद :
अपने राजनीतिक जीवन में मुलायम सिंह यादव 8 बार विधायक बने। इसी के साथ 7 बार वह सांसद भी चुने गए। मुलायम सिंह यादव देश के रक्षा मंत्री रह चुके हैं और वह लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद यानी की तीनों सदनों के सदस्य रह चुके हैं। अपने राजनीतिक जीवन में वह एक बार विधान परिषद के सदस्य भी बने।
* 1967 में लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से मिला था टिकट
* 1968 में चौधरी चरण सिंह की भारतीय क्रांति दल में हुए शामिल
* 1980 में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला
* 1985-87 में उत्तर प्रदेश में जनता दल के अध्यक्ष बने
* 1989 में पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने
* 1993-95 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने
* 2003 में तीसरी बार सीएम बने और चार साल तक सूबा संभाला