सागवाड़ा। विवाह के सीजन में अब ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश महिलाओं ने आर्टिफिशियल ज्वैलरी को अपना लिया है। वे ड्रेस के मैचिंग वाले पसंदीदा जेवर पहनने लगी है। इन ज्वैलरी की दुकानों पर ग्राहकी बढ़ गई है।
सोने के दाम करीब एक लाख रुपए प्रति दस ग्राम होने से खरीदार मुंह मोड़ने लगे हैं। जबकि आर्टिफिशियल ज्वैलरी डेढ़ सौ से लेकर चार हजार रुपए तक में उपलब्ध है। सोने जैसा डिजाइन और चमक भी इस ज्वैलरी में देखने का मिल रही है।
इसलिए रुझान : अम्बिका बैंगल्स के मालिक योगेश रावल का कहना है कि आए दिन सोने की चैन, कानों की बालियां या पर्स छीनने की वारदातें हो रही है। ऐसे में वह आर्टिफिशियल ज्वैलरी को ज्यादा तवज्जो दे रही है।कविता का मानना है कि आर्टिफिशियल ज्वैलरी गुम जाए तो अफसोस नहीं होता।रोशनी कहना है कि बदलते परिवेश में आर्टिफिशियल ज्वैलरी ज्यादा सुरक्षित है।
किराए के बजाय खरीद पर फोकस
आर्टिफिशियल ज्वैलरी के विक्रेता कमलेश रावल का कहना है कि पहले दुल्हन सजाने तक इस आर्टिफिशियल ज्वैलरी का रिवाज था। न अब आम महिलाएं हमेशा इस्तेमाल करने लगी है। अलग-अलग ड्रेस के लिए अलग ज्वैलरी आने लगे है। महिलाएं अब किराए पर लेने के बजाय खरीदने लगी है।
सर्राफा व्यवसायी ने बताया अब सोने की खरीददारी केवल विवाह वाले परिवार तक सीमित रह गई है। पंकज ने बताया कि पहले लोग 40 ग्राम तक के गहनों की बुकिंग करते थे अब वे महज 15 से 20 ग्राम वजन में उतने ही गहने बुक कर रहे हैं। इससे व्यवसाय प्रभावित हुआ है।