दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग (CCS) में 5 बड़े फैसले लिए गए। बैठक ढाई घंटे चली। इसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल समेत कई अफसर मौजूद रहे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया, ‘पहलगाम आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 5 बड़े फैसले लिए हैं
पहला फैसला : पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया।
दूसरा फैसला : अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया।
तीसरा फैसला : पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत भारत आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में SVES वीजा पर भारत में हैं, उन्हें 48 घंटों के भीतर देश छोड़ना होगा।
चौथा फैसला : नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘अवांछित व्यक्ति’ (persona non grata) घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
पांचवां फैसला : भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाया।
सरकार ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उधर, पहलगाम के बैसरन में आतंकी हमले के दूसरे दिन बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली तक बैठकों का दौर चला।पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई है। इनमें एक नेपाली नागरिक है। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला 22 अप्रैल को उस वक्त किया गया, जब बैसरन घाटी में बड़ी तादाद में पर्यटक मौजूद थे।
मृतकों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए। इधर, सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं।
इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है, जो पाकिस्तान में मौजूद है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हमले में 5 आतंकी शामिल थे। इनमें से दो लोकल और 3 पाकिस्तानी आतंकी थे।