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गुटों में बटी कांग्रेस से बढी उम्मीदवारों की संख्या, इसलिए विरोध का डर पार्टी को सता रहा है
चंद्रेश व्यास
सागवाड़ा/ राजनीति की दृष्टि से कभी कांग्रेस का गढ़ रहा डूंगरपुर जिला अब कांग्रेस का अभेद क़िला नही रहा। पार्टी में बढ़ती गुटबाज़ी और नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई के चलते संगठन दिन भर दिन कमज़ोर होता गया। पिछले विधानसभा चुनावों के बाद तो हुए पंचायत राज में कांग्रेस का कमज़ोर प्रदर्शन रहा रहा। डूंगरपुर ज़िले में डूंगरपुर विधानसभा में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी उतारने के साथ ही विरोध शुरू हो गया है जबकि डूंगरपुर ज़िले की तीन सीटों पर प्रत्याशियों के चयन बाक़ी है।
डूंगरपुर कांग्रेस में गुटबाज़ी जग ज़ाहिर है और इसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है। हालाँकि कांग्रेस के पिछले विधानसभा में भी एक ही सीट डूंगरपुर पर जीत दर्ज हुई थी। उसी सीट पर पूर्व विधायक गणेश घोघरा को टिकट देने का विरोध किया जा रहा है। जबकि इधर सागवाडा, चौरासी और आसपुर में भी कांग्रेस के कई दावेदार हैं। डूंगरपुर सीट पर विरोध कर रहे हैं बिछीवाडा प्रधान देवराम और पूर्व विधायक लालशंकर घाटिया आस लगाए हुए बैठे थे कि बड़े नेता के क़रीबी होने के चलते उन्हें टिकट मिल जायेगा लेकिन कांग्रेस ने एक बार फिर विधायक गणेश घोघरा पर ही अपना भरोसा जताया।
इधर, कांग्रेस के बड़े नेता यह जानते है कि आसपुर और चौरासी में भी गुटबाज़ी के चलते किसी को भी टिकट मिलने पर विरोध होगा। सागवाडा विधानसभा की बात करें तो यहाँ पूर्व विधायक सुरेंद्र बामणिया का पूरा गुट शांत बैठा है। सरपंच संघ के अध्यक्ष कैलाश रोत व जिला परिषद सदस्य हरीश अहारी दोनों ही दिनेश खोडनिया के भरोसे है। इधर, चौरासी में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा का अपना दबदबा है। भगोरा के सामने दिनेश खोडनिया के ही क़रीबी महेंद्र बरजोड पिछले समय से ही टिकट की माँग कर रहे हैं। ऐसे में इस बार भी डूंगरपुर ज़िले में कांग्रेस के लिए जीत आसान नहीं है। हालाँकि कांग्रेस पिछले चुनाव में भी डूंगरपुर ज़िले की चार में से एक डूंगरपुर विधानसभा पर ही जीत हासिल कर सकी थी बाक़ी तीनों सीटों पर वह तीसरे नंबर पर थी। डूंगरपुर ज़िले में कमज़ोर हो रही कांग्रेस का बड़ा कारण अपने आदिवासी वर्ग से आने वाले नेताओं को हाशिये पर ले जाना रहा है। यही कारण रहा कि कांग्रेस का सबसे मज़बूत आदिवासी वोट बैंक पार्टी से दूर होता गया और कांग्रेस तीसरे नंबर पर आ गई।
पूछ रहे लोग-आखिर कब जारी होगी सूची
कांग्रेस की दो-दो सूचियां जारी होने के बाद अब सभी को तीसरी सूची का इंतजार है। खासकर सागवाड़ा विधानसभा में केवल भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद से अब यहां से कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा के लिए तीसरी सूची का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। तीसरी सूची जल्द आने की संभावना जताई जा रही है लेकिन सूची नहीं आ रही। अब सूची कब आती है और उसमें सागवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार का नाम होता है यहा नहीं, और होता है तो कौन होगा कांग्रेस का उम्मीदवार। हर किसी में इसको लेकर कोतुहल बना हुआ है और यह देखना दिलचस्प होगा।
उम्मीदवारों पर चर्चा
भाजपा की ओर से सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब सभी की निगाहें यहां से कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा पर लगी हैं। सभी उम्मीदवार को लेकर अपने-अपने कयास लगा रहे हैं। लोग उम्मीदवार के नाम पर अपने-अपने पक्ष रखते हुए अपना बताया नाम आने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं।