जयपुर। राजस्थान के सभी जिलों में ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन के प्रस्तावों को लेकर लगातार आपत्तियां आ रही हैं। कांग्रेस की ओर से भी पुनर्गठन और नवसृजन की प्रक्रिया में सत्ता पक्ष के कहने पर अधिकारियों पर मनमानी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कई जिलों में मानदंडों में निर्धारित विचलन के अलावा भी अतिरिक्त शिथिलता देकर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।
सचिव ने कलक्टरों को लिखा पत्र
यह मामला सामने आने के बाद पंचायतीराज विभाग के सचिव डॉ. जोगाराम ने प्रस्तावों को अंतिम रूप देने में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए हैं। शासन सचिव ने कलक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि पुनर्गठन के लिए जो निर्धारित मानदंड बनाए गए हैं उसी के अनुसार ग्राम पंचायत और पंचायतों के प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
शिथिलता देकर बनाए गए प्रस्ताव निरस्त होंगे
सामान्य और अनुसूचित क्षेत्र के जिलों में 15 प्रतिशत और मरुस्थलीय जिलों में 20 प्रतिशत विचलन किया जाना अनुमत किया गया है। इससे ज्यादा शिथिलता देकर बनाए गए प्रस्ताव निरस्त किए जा सकते हैं।