सागवाड़ा। दिगम्बर जैन समाज के संयम, तप और त्याग का पर्यूषण महापर्व का प्रथम दिन गुरुवार को सागवाडा सहित समूचे वागड अंचल मे श्रद्धा व उंमग के साथ मनाया गया।
जैन समाज के प्रतिष्ठाचार्य पंडित विनोद पगारिया ने बताया कि दस दिवसीय पर्यूषण पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म के मौके को पर नगर के प्राचीन आदिनाथ दिगम्बर जैन जूना मन्दिर, चन्द्रप्रभु मन्दिर, गांधियों का मंदिर, सेठों का मन्दिर, सोनियों का मन्दिर, भगवान ऋषभदेव पगल्याजी जल मन्दिर, अतिशय क्षेत्र योगीन्द्र गिरी, श्री शांतिनाथ मंदिर सिद्धी रेजीडेन्सी, अजीतनाथ मन्दिर गोवाडी सहित मंदिरों मे सुबह श्रद्धालुओं द्वारा पारम्परिक धोती दुपट्टा धारण कर जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक तथा विश्व मे शांति कामनार्थ जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा पर शांति मंत्र के उच्चारण के साथ शांतिधारा की गई।
इसके बाद नव देवता पूजा, देव शास्त्र गुरु पूजा, मूलनायक भगवान की पूजा, सोलह कारण पर्व पूजा, पंचमेरू पूजा तथा दसलक्षण विधान के बाद तत्वार्थ सूत्र का वाचन किया गया। वही रात्रि मे जिनेन्द्र भगवान की आरती उतारी गई। दिगंबर जैन समाज के दश लक्षण पर्युषण पर्व के तहत जैन समाज ने आज अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और आज पहला दिन उत्तम क्षमा दिवस के रूप में मनाया।
इसी दौरान डूंगरपुर रोड पर वर्धमान सोसायटी में स्थित भगवान महावीर स्वामी मंदिर में सुबह में अभिषेक हुआ । इसके बाद शांतिधारा का आयोजन हुआ।इस अवसर पर साथिया पवन गोवड़िया परिवार द्वारा भरा गया।
युवा मंच अध्यक्ष वैभव गोवड़िया ने बताया कि मूलनायक महावीर स्वामी की शांतिधारा कमल गोदावत ने तथा शांतिनाथ भगवान की शांतिधारा अरविन्द कोड़िया ने की। वहीं श्रीफल फट अशोक दोसी द्वारा किया गया।
धार्मिक आयोजन में देवेंद्र शाह, नरेन्द्र गोवड़िया, वीरेंद्र, अमित, सुनील, रजत, रौनक, आदिश, मनोज गोदावत, सुनील जैन, सीए राजेंद्र कुमार, विपिन शाह, धीरज जैन सहित अहिंसा नगर व वर्धमान सोसायटी के अनेक धर्मावलंबी मौजूद रहे।