जयपुर/राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति ने भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला दिया है। राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति की ओर से मंगलवार को सीकर जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी उपखंड कार्यालय पर राशन विक्रेताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रट व उपखंड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष माणक चंद ढाका ने बताया कि इससे पहले भी राशन विक्रेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम अपनी मांगों का मांग पत्र भेजा था। पर अभी तक राजस्थान सरकार और खाद्य विभाग ने हमारी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
एक बार और दिया मांग पत्र का ज्ञापन
माणक चंद ढाका ने आगे बताया कि एक बार फिर मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र कलेक्टर को दिया गया है। इस मांग पत्र में हमारी 4 मांगें शामिल है। पहली मांग राशन विक्रेताओं को प्रतिमाह 30 हजार रुपए मानदेय देने की है। राशन में प्रति क्विंटल 2 फीसद छीजत देने की दूसरी मांग है। साथ ही बीते 6 माह से राशन विक्रेताओं को कमीशन नहीं मिला है। उसे तुरंत रिलीज किया जाए। वैसे राशन डीलरों को एडवांस में कमीशन देने का प्रावधान है।
31 जुलाई तक का दिया समय
राशन विक्रेता संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष माणक चंद ढाका ने राजस्थान सरकार को चेताते हुए कहा अगर मांगें नहीं पूरी हुईं तो 1 अगस्त से पूरे सूबे में राशन की दुकानें बंद रहेगी। किसी भी कीमत पर दुकानें नहीं खुलेगी। संघर्ष समिति के ज्ञापन में यह बताया गया कि राशन विक्रेताओं की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इसलिए सरकार जल्द से जल्द राशन विक्रेताओं की मांगें मान ले।
यह है मुख्य मांगें
1- राशन विक्रेताओं को प्रति माह 30 हजार रुपए मिलें।
2- बकाया छह माह का कमीशन रिलीज किया जाए।
3- गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जाए।
4- गेहूं का कमीशन व ईकेवाईसी का सीडिंग का मेहनताना दिया जाए।