डूंगरपुर। राजस्थान विधानसभा में आसपुर विधायक उमेश डामोर ने सोम कमला आंबा बांध के डिसिल्टिंग टेंडर में अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने इस घोटाले की गहराई से जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की, ताकि जनता के पैसे का दुरुपयोग रोका जा सके।
विधायक उमेश डामोर का बड़ा खुलासाः-
विधायक डामोर ने सदन में बताया कि डूंगरपुर जिला पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के अधीन नहीं आता, फिर भी इस परियोजना के तहत 78 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया। यह स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने टेंडर की शर्तों पर भी सवाल उठाए, जिनमें कुछ खास मशीनों की अनिवार्यता जोड़कर एक विशेष फर्म को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई।
बजरी निकासी का खेल!
विधायक डामोर ने इस घोटाले का एक और बड़ा पहलू उजागर किया। उन्होंने कहा कि टेंडर में केवल ’’डिसिल्टिंग’’ (गादा निकालने) का उल्लेख है, लेकिन वास्तव में इस प्रक्रिया के जरिए बजरी निकाली और बेची जा रही है। जबकि बजरी एक खनिज (मिनरल) है, जिसके लिए अलग से टेंडर जारी किया जाना चाहिए था।
इतना ही नहीं, खनिज विभाग, जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग से अनिवार्य स्वीकृतियां (NOC) भी नहीं ली गईं। जो कि यह दिखाता है कि इस टेंडर में पारदर्शिता नहीं बरती गई और नियमों को ताक पर रखकर बड़ी गड़बड़ी की गई।
सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांगः-
विधायक उमेश डामोर ने सरकार से इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में इस तरह की गड़बड़ियों पर रोक लगाई जा सके।
उन्होंने सरकार को सचेत करते हुए कहा कि सभी टेंडर पारदर्शिता के साथ जारी किए जाने चाहिए ताकि जनता के पैसों का सही इस्तेमाल हो और किसी भी ठेके में भ्रष्टाचार की गुंजाइश न बचे।
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