कोटा/स्कूलों में टीचर्स के मोबाइल फोन यूज करने को लेकर हाल में ही शिक्षा मंत्री ने बयान जारी किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल यूज करने पर प्रतिबंध लगेगा। इमरजेंसी में मोबाइल का उपयोग प्रिंसिपल से लेकर किया जा सकेगा। शिक्षा मंत्री के बयान के बाद कोटा संभाग में इसे लेकर संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। स्मरण पत्र जारी करते हुए उन्होंने आदेशों की पालना में लेटर जारी किया है।
रिमाइंडर लेटर जारी किया
संयुक्त निदेशक तेज कंवर की तरफ से सोमवार को यह पत्र जारी किया गया है जो कि संभाग के सभी शिक्षा अधिकारी को भेजा गया है। संयुक्त निदेशक के अनुसार यह आदेश डेढ़ महीने पहले ही जारी कर दिए गए थे। शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद सख्ती से लागू करने के लिए रिमाइंडर लेटर जारी किया गया है। इसमें शिक्षा मंत्री के निर्देशों का हवाला देते हुए आदेश जारी किए गए हैं कि टीचर्स स्कूल पहुंचने के बाद अपने अपने मोबाइल प्रिंसिपल के पास जमा करवाएंगे। रिमाइंडर में हवाला दिया गया है कि स्कूलों निरीक्षण के समय पाया गया है कि शिक्षक व कर्मचारी स्कूल टाइम में मोबाइल का प्रयोग निजी कामों के लिए करते हैं।
जिससे पढ़ाई का काम भी बाधित होता है। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल उपयोग करने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए बयान दिया था कि स्कूल में टीचर्स मोबाइक का पर्सनल यूज करते हैं। शेयर मार्केट की जानकारी लेते हैं।
पहली बार हिदायत, दूसरी बार कार्यवाही
पत्र में लिखा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों में स्टूडेंट, टीचर और अन्य स्टाफ के मोबाइल का उपयोग करने पर पांबदी होगी। पहली बार आदेश की अवहेलना पर हिदायत दी जाएगी लेकिन दोबारा गलती पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। स्कूल के स्टाफ और टीचर्स पर राजस्थान असैनिक सेवाएं आचरण नियम 1971 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आदेश में प्रिंसिपल को भी निर्देशित किया गया है कि वह स्कूल में नियुक्त कर्मचारियों के मोबाइल अपने पास सुरक्षित जमा रखेंगे। इस आदेश में यह भी बताया गया है कि अगर कोई मोबाइल का उपयोग करता स्कूल में नजर आया तब मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, पीईईओ, यूसीईईओ व प्रिंसिपल के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
शिक्षा संघ सहकारी, प्रकाश जायसवाल ने बताया कि यह निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन यह केवल शिक्षा विभाग में ही लागू न हो, बल्कि पंचायत राज और दूसरे विभागों में भी लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कुछ टीचर्स पढ़ाई के दौरान भी मोबाइल उपयोग करते हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। उस पर रोक लगेगी। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह आती है कि विभाग की तरफ से कई काम दिए जाते हैं जो ऑनलाइन होते हैं। ऐसे में टीचर्स पर यह भी एक दबाव होता है। अब टीचर्स को इससे भी मुक्ति मिलेगी और बच्चों की पढ़ाई पर ही ध्यान दे सकेंगे।