सागवाड़ा। जैठाणा क्षेत्र में ग्रामीणों को मिला मादा पैंथर का एक शावक अब क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय, सागवाड़ा में सुरक्षित है। लगभग डेढ़ माह पूर्व ग्रामीणों की सहायता से इस शावक को कार्यालय लाया गया था, जहां अधिकारी एवं कर्मचारी उसकी देखभाल कर रहे हैं।
शावक को बकरी का दूध और कच्चा अंडा खिलाया जा रहा है तथा आवश्यक दवाइयां भी दी जा रही हैं। प्रतिदिन करीब 100 से 150 रुपये का खर्च किया जा रहा है।
वन अधिकारी तेजसिंह चौहान ने बताया कि जैठाणा में मादा पैंथर ने तीन बच्चों को जन्म दिया था, जिनमें से दो को वह अपने साथ ले गई, जबकि एक शावक वहीं छूट गया। विभाग ने कई बार प्रयास किया कि मादा पैंथर लौटकर शावक को साथ ले जाए, परंतु सफलता नहीं मिली।
अब विभाग फिर से शावक को जैठाणा में छोड़ने की योजना बना रहा है। यदि मादा पैंथर उसे स्वीकार नहीं करती है, तो शावक को आगे की देखभाल के लिए उदयपुर भेज दिया जाएगा।
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