भीलूड़ा में अघोषित बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त, जिम्मेदार अधिकारी मौन



घंटों गुल रहती है बिजली, उमस भरी गर्मी में ग्रामीण बेहाल, फोन नहीं उठाते अधिकारी, आक्रोशित ग्रामीणों ने जताया विरोध

सागवाड़ा। सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़ी ग्राम पंचायत भीलूड़ा में इन दिनों अघोषित बिजली कटौती ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर दिया है। भीषण गर्मी और उमस के बीच लगातार हो रही बिजली गुल होने की समस्या से आमजन परेशान हैं। खास बात यह है कि विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान देना तो दूर, ग्रामीणों के फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझते।

ग्रामीणों का कहना है कि बीते कई दिनों से बिजली कभी भी, कहीं भी कट जाती है और कई-कई घंटे तक नहीं आती। न तो कोई पूर्व सूचना दी जाती है और न ही कटौती का कोई निर्धारित समय है। इस अघोषित कटौती ने बच्चों, बुजुर्गों, किसानों और दुकानदारों सभी को प्रभावित कर रखा है।

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रोजमर्रा के काम ठप, इन्वर्टर भी जवाब दे रहे

बिजली नहीं रहने के कारण गाँव में आटा चक्की व पेयजल बंद होने से आमजन को भारी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है |  ग्रामीणों के मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, इन्वर्टर भी ठप हो जाते हैं और रात को घरों में अंधेरा छा जाता है। छोटे दुकानदारों की बिक्री पर असर पड़ा है, दूध, आइसक्रीम और किराना से जुड़े व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।

गर्मी में बच्चों और बुजुर्गों की हालत खराब

भीलूड़ा में तापमान लगभग 42 डिग्री के पार है और लगातार उमस बढ़ रही है। ऐसे में बिजली की कटौती से बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत पर असर पड़ रहा है। कई घरों में पंखे और कूलर भी बिजली के इंतजार में ठहर गए हैं। बीमार लोगों के लिए यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

ग्रामीणों ने जताया रोष, विभागीय कार्यशैली पर उठाए सवाल

ग्रामीणों ने बिजली विभाग के प्रति गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता और जवाबदेही की कमी से समस्याएं और बढ़ रही हैं। कई ग्रामीणों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो वे बिजली कार्यालय का घेराव करेंगे।

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