सागवाड़ा। एकलव्य भील सेवा संस्थान की ओर से मंगलवार को महर्षि वाल्मीकि ऋषि का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। शहर में शोभायात्रा, धर्मसभा और प्रतिभाओं के सम्मान के साथ ही विभिन्न कार्यक्रम हुए। सुबह में गमलेश्वर वाल्मीकि मंदिर परिसर से गाजेबाजों के साथ शोभायात्रा निकाली।
जिसमें आगे महिलाएं सिर पर कलश धारण कर चल रही थी। वहीं ऊंट गाड़ियों पर वाल्मीकि ऋषि, लव-कुश के साथ सीता माता की कुटिया की झांकी सजाई गई थी, जो आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा में बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर अच्युतानंद महाराज को बग्घी में विराजित किया गया था। साधु-संतों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए।
जगह-जगह श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा का स्वागत करते हुए पीठाधीश्वर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। विभिन्न मोहल्लों की भक्त मंडलियां पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ भजन-कीर्तन करते हुए चल रही थी। शोभायात्रा गोल्डन चौराहा, बैंक तिराहा, सदर बाजार, मांड़वी चौक, शुक्लवाड़ा, कटारवाड़ा, कुम्हारवाड़ा सहित मुख्य मार्गों से होते हुए लोहारिया तालाब स्थित वाल्मीकि ऋषि मंदिर पहुंची, जहां धर्मसभा आयोजित हुई।
अच्युतानंद महाराज के सान्निध्य में हुई धर्मसभा में समाज के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए समाज सेवा और एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम में शहर के बारह फलों के महिला, पुरुष और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।