बीजेपी-कांग्रेस के बाद अब बीएपी में तकरार, बीएपी जिलाध्यक्ष को दरकिनार कर केंद्रीय कमेटी ने डूंगरपुर-सागवाड़ा में उतारे उम्मीदवार

  • केंद्रीय एकीकरण कमेटी द्वारा लिए निर्णय का कार्यकर्ताओं ने जताया विरोध
  • बीएपी जिलाध्यक्ष ने की पत्रकार वार्ता, कहा – थोपे हुए उम्मीदवार को नही करेंगे मंजूर

डूंगरपुर।(संतोष व्यास) जिले में डूंगरपुर विधानसभा सीट हॉट सीट बनती हुई नजर आ रही है जहां पर बीजेपी-कांग्रेस में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद नाराजगी के साथ ही बगावती तेवर भी नजर आए। वहीं, तीसरे मोर्चे के रूप में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से अलग होकर नई पार्टी बनी भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) में भी बगावती तेवर नजर आ रहे हैं।

ये वीडियो भी देखे

बीएपी में जहां पिछले एक माह से डूंगरपुर विधानसभा सीट के लिए आदिवासी परिवार की सलेक्शन प्रणाली द्वारा आमराय बनाकर उम्मीदवार चयन बाबत प्रयास किए गए लेकिन लगातार आकांशी उम्मीदवारों की तरफ से विरोध के चलते आमराय नहीं बन पाई, ऐसे में शनिवार देर रात को भारत आदिवासी पार्टी की केंद्रीय एकीकरण कमेटी द्वारा डूंगरपुर विधानसभा में उम्मीदवार चयन को लेकर अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए कांतिलाल रोत को प्रत्याक्षी घोषित कर दिया। जिसको लेकर रविवार को आदिवासी जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के पदाधिकारियों एवं सामाजिक विंग के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रकट किया और कहा कि थोपे हुए उम्मीदवार को आम कार्यकर्ता कभी मंजूर नही करेगा।

जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय ट्राइबल पार्टी से अलग होकर बनी भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) आदिवासी परिवार के समर्थन से चुनावी मैदान में उतरी है, जहां उम्मीदवार चयन को लेकर आदिवासी परिवार की सिलेक्शन प्रणाली द्वारा आमराय से वोटिंग के माध्यम से निष्पक्ष एवं टिकाऊ उमीदवार का चयन किया जाता है जिसके तहत डूंगरपुर जिले के चौरासी विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक राजकुमार रोत एवं आसपुर विधानसभा क्षेत्र से उमेश मीणा को बीएपी उम्मीदवार घोषित किया गया। वहीं पिछले एक माह से डूंगरपुर विधानसभा के उम्मीदवार चयन को लेकर सलेक्शन प्रणाली की कई दफा बैठके आयोजित हुई लेकिन हर बैठक में दावेदारों के विरोध के चलते अंतिम फैसला नही हो पाया। डूंगरपुर विधानसभा में सलेक्शन प्रणाली के समक्ष पांच दावेदारों ने अपने नाम प्रस्ताव में दिए जिसमें से अनुतोष रोत और कांतिलाल रोत की मजबूत दावेदारी उभर कर आई थी।

जहां गत दिनों गेंजी घाटा पर हुई सलेक्शन प्रणाली की बैठक में आमराय नहीं बनने के बाद कांतिलाल रोत ने स्वयं को सोशल मीडिया के माध्यम से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा की थी इसके बाद आदिवासी परिवार में हलचल शुरू हो गई थी। वहीं कांतिलाल रोत की इस घोषणा के बाद प्रतिद्वंदी दावेदार अनुतोष रोत के समर्थकों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इसके बाद एक बार पुनः सिलेक्शन प्रणाली की बैठक आयोजित कर वोटिंग प्रक्रिया के माध्यम से उम्मीदवार चयन का प्रस्ताव रखा गया किंतु कांतिलाल रोत द्वारा स्वयं को फाउंडर मेंबर एवं बीएपी का जनक बताते हुए लगातार टिकट की मांग करते हुए चुनावी मैदान में रहने की बात कही। कांतिलाल रोत का कहना रहा कि जब चौरासी एवं आसपुर विधानसभा में वोटिंग प्रक्रिया नहीं हुई तो डूंगरपुर विधानसभा में भी वोटिंग प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए और एक लाइन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर उनके नाम पर अंतिम मोहर लगाई जाए जिसका अन्य दावेदारों ने विरोध करते हुए वोटिंग प्रक्रिया जारी रखने की मांग की लेकिन लगातार विरोध के चलते आदिवासी परिवार की सिलेक्शन प्रणाली अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच पाई। इसके बाद बीएपी की केंद्रीय एकीकरण कमेटी के पास मामला पहुंचा जिसके बाद केंद्रीय एकीकरण कमेटी ने शनिवार देर रात को डूंगरपुर सीट से कांतिलाल रोत के नाम पर मोहर लगाते हुए बीएपी का अधिकृत प्रत्याक्षी घोषित किया। वही, रविवार को अनुतोष रोत के समर्थकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि डूंगरपुर विधानसभा में थोपे हुए उम्मीदवार को आदिवासी परिवार कभी स्वीकार नहीं करेगा।

बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने रविवार को पत्रकार वार्ता कर कहा कि भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) का विधान था कि सम्भाग के सभी सीटों पर आदिवासी जनप्रतिनिधि सलेक्शन प्रणाली के तहत उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी जिसमें समस्त सामाजिक विंगों तथा पार्टी पदाधिकारियों की आम सहमति से वोटिंग प्रक्रिया के माध्यम से उम्मीदवार का चयन किया जाएगा लेकिन केंद्रीय एकीकरण कमेटी द्वारा मनमानीपूर्वक व नियमों को ताक में रखकर डूंगरपुर विधानसभा में उम्मीदवार का चयन किया गया है जिसका हम सभी पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता विरोध करते है।

उन्होंने कहा कि हम सभी आदिवासी परिवार के सामाजिक विंगो के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने यह सोचकर भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दिया था क्योंकि पार्टी के गठन से पुर्व सामुहीक रूप से यह निर्णय लिया गया था कि जनप्रतिनिधी सलेक्शन प्रणाली की आ राय से प्रतिनिधी का सलेक्शन होगा जिसमे आम कार्यकर्ता की भी महत्वपुर्ण भागीदारी रहेगी लेकिन अन्य राजनितिक पार्टीयों की तरह यहां पर भी आलाकमान की तरह फैसले लिए जा रहे हैं जिससे आम कार्यकर्ता हताश एवं निराश है। आम कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर व्यक्ति विशेष का चयन पार्टी के विधान व आदिवासी परिवारों के नियमों के खिलाफ हैं।

अन्य राजनैतिक दलों के समान यहां पर भी इस प्रकार जोर जबरदस्ती उम्मीदवार का चयन होने लगा जिससे गरीब आदिवासी कार्यकर्ता अपने आपको ठगा सा महसुस कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के वडिलों के कहने पर हमने पिछले छः माह से आदिवासी परिवार के विभिन्न प्रकार के आनुवांगीक संगठन बनाये तथा दिन-रात एक करके चयन प्रक्रिया हेतु कार्यकर्ताओं को जोडा लेकिन आज वे सभी कार्यकर्ता निराश हैं। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि बीएपी की केंद्रीय एकीकरण कमेटी द्वारा थोपे हुए उम्मीदवार का हम सभी सार्वजनिक रूप से विरोध जाहिर करते है। यह असंवैधानिक एवं असामाजिक कृत्य है इसकी वजह से हम सभी छोटे कार्यकर्ताओं का भविष्य खतरे में रहेगा, इस कारण हम सभी केन्द्रीय कमेटी के इस निर्णय को अस्वीकार करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी मंशा है कि पार्टी अपने इस निर्णय पर पुनः विचार करें अन्यथा मजबूरन हमें पार्टी के निर्णय के खिलाफ भविष्य में कदम उठाना पड़ेगा। पार्टी अगर अपने निर्णय पर पुनः विचार नहीं करती है तो हम सब कार्यकर्ता आपस में राय-मशविरा करके उस पर भविष्य में उचित कदम उठायेंगे।

पत्रकार वार्ता ने बीएपी जिलाध्यक्ष अनूतोष रोत, जिला सदस्य हीरालाल अहारी, गुलाबचंद्र डोडा, वासुदेव कटारा, नरेश मैणात, जीवतराम कटारा, डूंगरपुर ब्लॉक अध्यक्ष राजू कटारा, बिछीवाड़ा ब्लॉक अध्यक्ष संजय भगोरा, गामड़ी ब्लॉक अध्यक्ष गिरीश कटारा, मंडल अध्यक्ष कमलेश कटारा, राजकुमार रोत, धनपाल अहारी, जेवंत बारिया, योगेश खराड़ी, महिला मोर्चा अध्यक्ष मीरा देवी बरंडा, नगर मंडल अध्यक्ष आबिद अली सहित कई पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

dhanraj Jewellers

Leave a Comment

error: Content Copy is protected !!
92 lakh Indians in 6 countries of Middle East साइबर फ़्रॉड से बचने के लिए, ये उपाय अपनाए जा सकते हैं, जानिए क्या है? युवाओ में क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज देखने का जोश, देखना न भूले 10 वेब सीरीज Belly Fat कम करने के लिए सुबह नाश्ते में खाई जा सकती हैं ये चीजे विश्व रक्तदाता दिवस 2023 महत्व शायरी (वर्ल्ड ब्लड डोनर डे) | World blood donor day theme, quotes in hindi