डूंगरपुर/बकरे के कलेजे ने एक युवक की जान ले ली। उसने बकरा काटते समय कलेजे का कच्चा पीस चबा लिया था। वह पीस गले में अटकने से युवक की सांस रुक गई। तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामला डूंगरपुर जिले के दोवड़ा थाना इलाके के हडमतिया गांव का है।
दोवड़ा थानाधिकारी मदनलाल खटीक ने बताया कि हडमतिया निवासी नारायण पुत्र कचरा परमार ने मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया है की उसका भाई रूपसी परमार (44) गांव के पास बकरे काटने का काम करता है। वह मंगलवार शाम को बकरा काट रहा था। इस दौरान उसने कच्चे मीट का पीस कलेजा (गुर्दा) खा लिया। मीट का वह पीस उसके गले में अटक गया। उसे सांस नहीं आने से उसकी तबीयत बिगड़ गई।
सांस नहीं आने से वह बेहोश होकर गिर गया। इस परिजन उसे लेकर डूंगरपुर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर दोवड़ा पुलिस जिला अस्पताल पहुंची और शव को मॉर्च्युरी में शिफ्ट करवाया। पुलिस और परिजनों की मौजूदगी में मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सुपुर्द किया। वहीं, मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक के दो बेटे और एक बेटी है।
कलेजा खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
जानकारों का कहना है कि बकरे की कलेजी में विटामिन और मिनरल्स जैसे कि प्रोटीन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम का बहुत बड़ा सोर्स होता है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी न्यूट्रेंस होते हैं। ऐसे में लोगों को बकरे की कलेजी खाना बहुत पसंद होता है। बकरे की कलेजी खाने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जिन लोगों में प्रोटीन की मात्रा बहुत कम होती है, उसके साथ ही उसे कमजोरी महसूस होती है, उनके लिए यह बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
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