पार्किंग बनी परेशानी- ज़िम्मेदार ही बन रहे ग़ैर ज़िम्मेदार, अधिकारी भी बेपरवाह
सागवाड़ा। शहर के व्यस्ततम इलाकों में बैंक की शाखाएं खोली गई लेकिन बैंक कार्मिकों ने पार्किंग को लेकर कोई सुविधा नहीं की। अब परेशान जनता हो रही है और ज़िम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। शहर में हर जगह बैंक शाखाओं के बाहर वाहनों की क़तार देखी जा सकती हैं। इसकी वजह नगर में विभिन्न बैंकों की शाखाओं के पास अपनी पार्किंग नहीं होना है। बैंकों के पास अपनी पार्किंग न होने से बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों सहित उपभोक्ताओं के वाहन बैंकों के सामने खड़े होते हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी हाइवे पर खड़े होने वाले वाहनों के कारण होती है। वहीं यदि नियमों की बात करें तो सभी बैंक शाखाओं के पास पार्किंग की व्यवस्था होना आवश्यक है।बैंक शाखाएं किराए के भवनों में संचालित हो रही है। बावजूद इसके किसी भी बैंक के पास अपनी पार्किंग नहीं है। बैंक अधिकारी व बैंक में आने वाले ग्राहक नेशनल हाइवे पर ही अपने वाहन खड़े करते चले आ रहे हैं। इससे हाइवे से गुजरने वाले वाहनों के लिए रास्ता भी नहीं बचता। नतीजतन जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। यह समस्या आज की नही है, बल्कि कई सालों से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन की ओर से अवैध पार्किंग के खिलाफ कोई एक्शन नही लिया जाता।
सड़क के बीच वाहनों को खड़े रहते हैं, जिससे 30 फीट की सड़क मात्र 10 फीट में सिमट कर रह जाती है। हाईवे पर स्थान के अभाव के चलते कई दुपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होकर अपनी जान से हाथ गवां चुके है। प्रमुख रूप से स्टेट बैंक, एयू फाइनेंस, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक आफ इंडिया, एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक सहित अन्य बैंक हाईवे पर मौजूद है, लेकिन किसी भी बैंक के पास पार्किंग की व्यवस्था नही है। बैंकों के सामने अवैध पार्किंग जाम का कारण बनती जा रही है। बैंकों के सामने फुटपाथ से सटाकर कतारों में गाड़ियों को खड़ा कर दिया जाता है।