दिवड़ा बड़ा, ब्लॉक गलियाकोट में नीलेश पंचाल की देशी गौ माता की डिलीवरी में जटिलता आ गई थी, जहां गर्भस्थ बछड़े की मृत्यु हो गई थी। इस गंभीर स्थिति की सूचना गौ रक्षा जिला सह प्रमुख संतोष पाटीदार को दी गई। उन्होंने तुरंत 1962 हेल्पलाइन पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई।
1962 हेल्पलाइन पशुपालकों के लिए एक आपातकालीन सहायता सेवा है, जो पशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत प्रशिक्षित पशु चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंचकर उपचार प्रदान करती है।
संयुक्त निदेशक डॉक्टर दिनेश बामणिया, LSA अनिल बुनकर, सन्मति गौ शाला संयोजक हितेश भोई, मयंक डाबी, ऋषि भोई, सहायक जीवतराम भीलूड़ी, लक्ष्मण भीलूड़ा, और गौ रक्षक टीम ने तत्काल सहायता प्रदान की। गौ माता की हालत गंभीर थी और परिवार की आर्थिक स्थिति भी गौ माता पर निर्भर थी।
1962 हेल्पलाइन के अंतर्गत गाड़ी और स्थानीय पशु चिकित्सकों की टीम समय पर मौके पर पहुंची। डॉक्टर दिनेश बामणिया, LSA अनिल बुनकर, और अन्य विशेषज्ञों ने मिलकर सफलतापूर्वक गौ माता की डिलीवरी करवाई, जिससे परिवार ने राहत की सांस ली।
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोग थे – डॉ. पवन डामोर, LSA अनिल डेण्डोर, LSA हेमंत पाटीदार, पायलट प्रकाश डाबी, जयेश पंचाल, धर्मेंद्र जोशी गिरदावर, निकेश वैष्णव, चिराग जोशी, निखिल पंचाल, आदित्य पंचाल, रोहित पाटीदार, हसमुख वैष्णव, विनोद पंड्या, संदीप वैष्णव, सिद्धार्थ पंड्या, लक्ष्य वैष्णव, कचरू जोशी और अन्य।
संतोष पाटीदार ने 1962 हेल्पलाइन और राज्य सरकार की इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से आज एक गौ माता की जान बचाई गई, जो समाज के लिए एक सराहनीय कार्य है।
