सागवाड़ा/नगर पालिका में साल 2014 में भ्रष्टाचार की शिकायत के मामले में चित्तौड़गढ़ एसीबी की टीम बुधवार को सागवाड़ा पहुंची। एसीबी चित्तौड़गढ़ के एएसपी कैलाश सिंह सांदू ने बंद कमरे में डॉक्यूमेंट की जांच की। हालांकि टीम ने इस बारे में कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी है।
सागवाड़ा नगर पालिका में पूर्व अध्यक्ष रहे सत्यनारायण सोनी और तत्कालीन ईओ के खिलाफ पार्कों में सीमेंट की बैंच और झूलों की हुई खरीदारी में कथित भ्रष्टाचार को लेकर साल 2014 में शिकायत की गई थी। शिकायत में सागवाड़ा नगरपालिका क्षेत्र में सीमेंट की बैंच पार्क में झूले खरीदने के लिए 18 जून 2014 को निविदा जारी की गई थी। इसमें सबसे कम दर वाली फर्म मैसर्स शंकरलाल कास्ट भीलवाड़ा को 21 हजार 350 रुपए प्रति नग सीमेंट बैंच के आदेश जारी किए गए थे। 46 बैंच के कुल 9 लाख 82 हजार 100 रुपए का भुगतान किया गया। जबकि इनकी वास्तविक बाजार कीमत करीब 7 हजार रुपए है। जिसका कोटेशन दिल्ली की एक फर्म से लिया गया है।
इसी तरह नगरपालिका की ओर से 2 पार्कों में झूला नंबर 2 के लिए 3 फरवरी, 2014 को निविदा जारी की गई। इसी फर्म को 14 लाख 55 हजार रुपए का भुगतान किया गया। इन झूलों का वास्तविक बाजार मूल्य करीब 2 लाख 56 हजार रुपए ही है। जिसका भी कोटेशन दिल्ली की एक फर्म से लिया गया है। इस मामले में एसीबी में मामला दर्ज किया गया था।
वहीं 9 साल पुराने इसी मामले में बुधवार को चित्तौड़गढ़ एसीबी के एएसपी कैलाश सांधू अपनी टीम के साथ सागवाड़ा नगरपालिका पहुंचे। जहां उन्होंने बंद कमरे में इन कामों से जुड़ी हुई फाइले खंगाली। हालांकि जांच के बारे में एसीबी ने कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी है। लेकिन 9 साल पूर्व इस मामले में फिर से एसीबी द्वारा जांच में दिखाई गई तेजी चर्चा का विषय बनी हुई है।