Bank Account : देशभर के ज्यादातर सरकारी एवं प्राइवेट बैंकों में बैंकों के खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने नहीं करने पर पेनल्टी देना पड़ता है. मिनिमम बैलेंस नहीं होने के कारण ग्राहकों के खाते से कई बार हर महीने पेनल्टी या फाइन काटी जाती है. जिससे कई ग्राहकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है. लेकिन, आने वाले समय में आपको मिनिमम बैलेंस से छुटकारा मिल सकता है.
जी हां, जल्द ही सभी बैंकों से मिनिमम बैलेंस की लिमिट को खत्म किया जाएगा. जिसके बाद आपको कोई भी मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करना पड़ेगा एवं मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने के लिए भी आपको किसी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ेगा.
हालाकिं, केंद्र सरकार की तरफ से बीते लंबे समय से जनधन खाते खोले गए हैं. जनधन खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की कोई बाध्यता नहीं है. अगर आपके पास जनधन खाता है तो आपको किसी तरह का मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करना होगा एवं बैलेंस मेंटेन नहीं कारण आपको किसी तरह का चार्ज भी नहीं देना होगा. लेकिन, आने वाले समय में जल्द ही सभी बैंकों के सभी खातों से मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की बाध्यता खत्म करने पर फैसला हो सकता है.
हो सकता है जुर्माना खत्म करने का फैसला :
मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने पर हाल ही में वित्त राज्यमंत्री भगवंत कराड ने अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बैंकों के निदेशक मंडल मिनिमम बैलेंस (न्यूनतम धनराशि) नहीं रखने वालों के खातों पर जुर्माना खत्म करने का फैसला ले सकते हैं. कराड ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि बैंक पूरी तरह स्वतंत्र निकाय होते हैं. बैकों का निदेशक मंडल मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर सककरने का फैसला लिया जा सकता है.
पिछले दिनों मीडिया की तरफ से वित्त राज्यमंत्री कराड से खाते के मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से जुड़ा सवाल पूछा गया था. मीडिया ने सवाल किया था कि क्या केंद्र बैंकों को इस पर आदेश देने का विचार कर रहा है कि जिन खातों में जमा राशि न्यूनतम निर्धारित स्तर से नीचे चली जाती है, उन पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाए. इस पर उन्होंने यह निर्णय बैंकों की तरफ से लिये जाने की बात कही. अगर बैंकों की तरफ से यह फैसला लिया जाता है तो इसका फायदा छोटे-बड़े सभी बैंकों के ग्राहकों को मिलेगा.