Banswara News: बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर रविवार को अनुसूचित क्षेत्र आरक्षण मोर्चा के बैनर तले एक विशाल सभा और महारैली का आयोजन हुआ।
इस आयोजन में आरक्षण उप-वर्गीकरण, टीसी में रोस्टर प्रणाली को समाप्त करने, पानी पर आरक्षण जैसे कुल 31 मांगों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। सभा के बाद राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव को ज्ञापन सौंपा गया।
बांसवाड़ा कॉलेज मैदान में आयोजित सभा में सांसद राजकुमार रोत ने 2013 में जारी आरक्षण अधिसूचना को आदिवासियों के लिए काले कानून के समान है। उन्होंने कहा कि यह अधिसूचना आदिवासियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए लाई गई थी, लेकिन इसका पूर्ण लाभ अभी तक आदिवासियों को नहीं मिला है। यह आदिवासियों के साथ एक बड़ा अन्याय है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी निर्णय पर क्षेत्रीय आधार पर वर्गीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया।
सांसद राजकुमार रोत ने कहा, “कोटे में क्षेत्रीय आधार पर कोटा दिया जाए। डबल इंजन की सरकार का उद्देश्य आरक्षण देना नहीं, बल्कि लोगों को आपस में लड़ाना है। हमारी लड़ाई संविधान की मूल भावना के अनुरूप आरक्षण के लिए है।“
सभा को विधायक जयकृष्ण पटेल, थावरचंद, उमेश मीणा, कमलेश्वर डोडियार, भंवरलाल परमार और मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों ने संबोधित किया। इसके बाद शहर के प्रमुख मार्गों से होकर महारैली निकाली गई, जो कलेक्टर चौराहे पर पहुंचकर नारेबाजी के साथ समाप्त हुई।
महारैली के बाद सांसद राजकुमार रोत के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में आदिवासियों के हितों की सुरक्षा और आरक्षण से संबंधित मांगों पर त्वरित कार्यवाही की अपील की गई।