Banswara News : पुलिस के साथ बोगस ग्राहक बनकर नकली नोट की डीलिंग के लिए गए स्पेयर पाट्र्स व्यापारी सुरेंद्र कलाल से 4 लाख लूट कर भागने वाले बदमाशों में 2 होमगार्ड जवान भी थे। पुलिस ने रविवार को गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए। पूछताछ में सामने आया कि ये लूट की एवज में होमगार्ड के जवानों को 10 से 12 हजार रुपए देते थे।
हालांकि, गैंग का मास्टरमाइंड ताजेंग पटेल अभी फरार है। पूछताछ में सामने आया कि बदमाशों ने व्यापारी को असली नोट को नकली बताकर झांसे में लिया था। ताकि उसे लगे कि बदमाशों के पास ऐसे नकली नोट हैं, जिन्हें आसानी से बाजार में चलाया जा सकता है। पूछताछ में सामने आया कि गैंग का नेटवर्क अन्य राज्यों में भी फैला है। इन आरोपियों को पकड़ने के लिए 2 जिलों के 27 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था।
ऐसे देते थे ठगी की वारदात को अंजाम
एसपी अभिजीत सिंह ने बताया- रविवार को दबिश देकर गैंग के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक राकेश पटेल (32) की पहचान हुई है। इसकी पुष्टि भी हुई है कि यह व्यापारी से लूट की वारदात के दौरान वहां मौजूद था। अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
उन्होंने कहा- गैंग का वारदात करने का तरीका एक जैसा रहता था। वो ऐसे ग्राहक ढूंढ़ते हैं, जो आसानी से इनके झांसे में आ जाएं। ये बदमाश पहले असली नोट पीड़ित को देते थे। कॉन्फिडेंस में लेने के लिए उसे नोट किसी दुकान पर चलाने को कहते थे। ये 12 लाख के नोटों के बदले कम से कम 4 लाख रुपए लेकर आने को कहते थे।
असली नोट से झांसे में आया पीड़ित इन तक पहुंचता तो उसे बार-बार जगह बदल कर सुनसान इलाके में बुलाया जाता था। जहां से उन्हें भारतीय मनोरंजन बैंक के नोट दिखाए जाते थे। इसके बाद ये पुख्ता कर लेते थे कि पीड़ित असली नोट लेकर आया है क्या नहीं।
होमगार्ड जवानों को मिलते थे 10 से 12 हजार
एसपी अभिजीत सिंह ने बताया- जैसे ही इन्हें पीड़ित असली नोट दिखाता ये लोग उससे बैग छीनकर भाग जाते थे। तभी वहां होमगार्ड के साथ नकली पुलिस पहुंचती और धमकाने का खेल शुरू होता। ये लोग होमगार्ड की पुलिस के साथ लुटेरे भी होते थे। ये अचानक वहां आते और धमकाते कि नकली नोटों की डील में तुम्हे सालों की जेल हो सकती है। डरा-धमका कर पीड़ित से और रुपए मंगवाए जाते थे। घबरा कर कोई भी पीड़ित पुलिस को सूचना नहीं देता था।
पूछताछ में सामने आया है कि ये लोग डीलिंग को लेकर होमगार्ड जवानों को कोई जानकारी नहीं देते थे। वे केवल उन्हें लूट के बाद डराने के लिए कहते थे। ताकि पीड़ित से और पैसे वसूले जा सके। पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये लोग होमगार्ड के जवानों को एक लूट पर 10 से 12 हजार रुपए देते थे।
कई राज्यों में फैला है नेटवर्क
पुलिस के अनुसार ये गैंग राजस्थान में बांसवाड़ा-डूंगरपुर और इससे लगती अन्य राज्यों की सीमाओं में अपनी गैंग चला रहे थे। हालांकि, अभी सिर्फ 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। अभी मास्टमाइंड ताजेंग पटेल अभी भी फरार है। पुलिस ने बताया- इस गैंग का नेटवर्क अन्य राज्यों में भी फैला है। इसके लिए पुलिस की 2 जिलों के 27 पुलिसकर्मियों का संयुक्त अभियान चलाया था। अब भी बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है। ऐसे में, पकड़े गए आरोपियों की बापर्दा गिरफ्तारी की गई है।
ये था मामला
29 दिसंबर को सुरेंद्र कलाल (35) निवासी छोटी सरवन, दानपुर बांसवाड़ा ने मामला दर्ज कराया था। वह 16 दिसंबर की शाम 5:30 बजे अपनी ऑटो- पार्ट्स की शॉप पर बैठा था। इसी दौरान उसके तीन दोस्त धनेश, राकेश पटेल और दिलीप आए। उन्होंने कहा- लक्ष्मीपुरा डूंगरपुर में ताजेंग पटेल नाम का युवक से 4 लाख के असली नोट के बदले 12 लाख रुपए के नकली नोट डीलिंग की बात की।
सुरेंद्र को दिलीप ने 500 रुपए का नोट सैंपल के रूप में उसे दिया था। इसके बाद वह नकली नोट लेकर शराब की दुकान पर गया तो वह चल गया। उसे दोस्तों की बात पर यकीन हो गया। सुरेंद्र ने 17 दिसंबर को नकली नोटों की इस गैंग को पकड़वाने के लिए पुलिस विशेष शाखा (डीएसटी) से संपर्क किया।
उसने पूरी घटना पुलिस को बताई और बोगस ग्राहक बनने को भी तैयार हो गया। पूरी घटना को गुप्त रूप से अंजाम देना था। 19 दिसंबर को ताजेंग पटेल ने उसे कॉल कर डील पक्की करने के लिए बुलाया। इसके बाद डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीमा पर पहले अगरपुरा ले गए उसके बाद गलियाकोट से होते हुए सेंडोला के रिमोट एरिया में ले गए थे। जहां लूट की पूरी वारदात की।