जांच रिपोर्ट में लीपापोती, जांच टीम ने पानी भरा होने का हवाला देते हुए नहीं किया सीमांकन
सागवाड़ा। नगर क्षेत्र के सांसरिया तालाब पेटे में भराव के मामले में तहसीलदार द्वारा सीमांकन कर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश के बावजूद जांच में देरी से अतिक्रमियों ने भराव के बाद बाउंड्री वाल भी कर दी।
सांसरिया तालाब की रोहन किस्म की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर “मेरा सागवाड़ा” समाचार पत्र में दिनांक 21 नवंबर 2024 को “सांसरिया तालाब की रोहन किस्म की भूमि में धड़ल्ले से हो रहा भराव, बाउंड्री वॉल का हो रहा निर्माण” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशन के बाद राजस्व विभाग हरकत में आया और सागवाड़ा के तात्कालिक तहसीलदार नरेंद्र साहू ने भू-अभिलेख निरीक्षक व्रत सागवाड़ा, पटवारी सागवाड़ा एवं गोवाडी को पत्र जारी कर राजस्व टीम का गठन कर सागवाड़ा के सांसरिया तालाब का सीमांकन कर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।
वहीं, पालिका क्षेत्र होने से अधिशासी अधिकारी नगरपालिका सागवाड़ा को सीमांकन के समय उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे। इस सब के बावजूद भूमाफियाओं द्वारा सांसरिया तालाब की रोहन किस्म की भूमि पर भराव कर बाउंड्री वॉल का निर्माण कर दिया गया है, जिससे सांसरिया तालाब का अस्तित्व खतरे में है।
जांच रिपोर्ट मे लीपापोती, जांच टीम ने पानी भरा होने का हवाला देते हुए नही किया सीमांकन सांसरिया तालाब की रोहन किस्म की भूमि मे भराव और बाउंड्रीवाल का मामला#Sagwara #SagwraNews #bjprajasthan #news #indianews #pmofc #pmnarendramodi #BhajanlalSharma #cmraj #dungarpur #Banswara pic.twitter.com/c9ztbXiWEN
— Mera Sagwara News (@merasagwaranews) December 27, 2024
समाचार पत्र में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद 21 नवंबर 2024 को ही तहसीलदार कार्यालय से मामले की जांच के लिए राजस्व टीम का गठन किया गया। टीम को सांसरिया तालाब की रोहन भूमि में भराव व बाउंड्री वाल बनाये जाने के मामले में जांच व सीमांकन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे लेकिन टीम ने इस काम के लिए करीब 15 दिन से ज्यादा का समय निकाल दिया। इस बीच भूमाफियाओं को रोहन किस्म की भूमि में भराव व परकोटा बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल गया।
तहसील कार्यालय द्वारा मांगी रिपोर्ट में जांच दल ने लीपापोती कर कार्यालय को रिपोर्ट पेश कर दी। जिसमें सासरिया तालाब की रोहन किस्म में धड़ल्ले से हो रहे भराव व बॉउन्ड्री वाल के विषय में बताया कि सासरिया तालाब की रोहन किस्म मे धड़ल्ले से हो रहे भराव बॉउन्ड्री वाल के संबंध मे समाचार प्रकाशित होने से सासरिया तालाब के सीमांकन के आदेश की पालना में राजस्व दल के साथ सागवाड़ा आसपुर मुख्य सड़क पर स्थित सासरिया तालाब पर सीमांकन के लिए पहुंचे।
रिपोर्ट में बताया कि राजस्व रिकार्ड अनुसार उक्त तालाब मोजा सागवाड़ा के कुल 77 खसरो में स्थित है। राजस्व रिकार्ड अनुसार उक्त सभी खसरे विभिन्न खतेदारी खातों में रिकार्ड में दर्ज है। लोगों ने बताया कि सभी खसरे पूर्व में ग्राम मड़कोला के एक आदिवासी परिवार के नाम थे, जिनके वारिसान खेतों का बटवारा कर तालाब में पानी नहीं होने पर चना व मूंग आदि की खेती करते थे। रिपोर्ट में यह बताया है कि वर्तमान मे तालाब में पानी भरा हुआ है, जबकि जिन खसरों के मामले में रिपोर्ट मांगी गई थी वहां जांच के वक्त और अभी भी पानी नहीं है। तालाब के एक तरफ सागवाड़ा आसपुर मुख्य सड़क एवं आसपास आबादी क्षेत्र है।
जांच टीम ने तालाब में पानी होने एवं आसपास आबादी क्षेत्र होने से सीमांकन नहीं होने का बहाना बना कर उस हिस्से की कोई जांच ही नहीं की न ही सीमांकन किया। ऐसे में रोहन भूमि के भराव व बाउंड्री वाल से सम्बंधित नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, इसके छींटे जांच टीम व राजस्व विभाग को भी उड़ रहे हैं। रिपोर्ट में गर्मियों के मौसम में तालाब में पानी सुख जाने के समय सीमांकन कार्य करने की बात बता कर उच्चाधिकारियों को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। साँसरिया तालाब में हो रहे भराव के संबंध में दिनांक 14 नवम्बर 2024 को एक अन्य अखबार में भी खबर प्रकाशित हुई थी।
तहसीलदार के नेतृत्व में मौका निरीक्षण के बाद खातेदारों को तहसील कार्यालय में बुलाकर भराव नहीं करने के लिए पाबंद किय गया था। वहीं पटवार हल्का सागवाड़ा द्वारा भी दिनांक 13 नवम्बर 2024 को खसरा संख्या 5105 में हो रहे भराव एवं परकोटा निर्माण कार्य को रुकवाकर खातेदार प्रतिनिधि को भराव एवं निर्माण नहीं करने के लिए पाबंद किया था, लेकिन उसकी परवाह किए बगैर मौके पर तालाब में भराव हो चुका है।
एसे में सवाल यह है कि जांच दल व तहसीलदार की कार्यवाही और पाबंद करने के बावजूद भराव व बाउंड्री कार्य नहीं रोकने के पीछे कोन रसूखदार लोग हैं। प्रशासन व नियमों के खिलाफ कार्य करने की इनकी हिम्मत कैसे होती है।
