वागड़ की काशी के नाम से विख्यात गांव खड़गदा स्थित मोरन नदी के संरक्षण और जल संचय के नाम रहेगी कथा

श्री राम कथा में जल संचय का संदेश हमारे लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा : के के गुप्ता 

जल संचय का संदेश देगी श्री राम कथा, कमलेश भाई शास्त्री के मुखारविंद से श्री राम कथा 28 दिसंबर से

डूंगरपुर। ऐतिहासिकता, आदिवासी संस्कृति, पुरातन वैभव और प्राचीन धार्मिक केंद्रो को अपने में समाहित वागड़ अंचल के डूंगरपुर जिले के गांव खड़गदा में 28 दिसंबर शनिवार से कथा मर्मज्ञ कमलेश भाई शास्त्री के मुखारविंद से श्री राम कथा प्रारंभ की जाएगी। इस राम कथा का मुख्य संदेश गांव में स्थित मोरन नदी के संरक्षण का रहेगा वही, व्यास पीठ से कमलेश भाई शास्त्री द्वारा जल संचय करने का भी संदेश जिलेवासियों को दिया जाएगा।

इस पावन अवसर पर अपना वक्तव्य देते हुए नगर परिषद डूंगरपुर के पूर्व सभापति और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के प्रदेश समन्वयक के के गुप्ता ने कहा है कि आज डूंगरपुर जिले के इस पवित्र स्थान पर एक पवित्र व्यक्ति के द्वारा यह कथा का शुभारंभ हम सब लोगों के लिए एक मार्गदर्शन का कार्य करेगा। सरकारें आएगी और जाएगी, लेकिन जब भी जल का इतिहास लिखा जाएगा संत श्री का नाम सबसे ऊपर लिखा जाएगा। यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज तक किसी संत ने इस तरह का ऐतिहासिक कदम नहीं उठाया। 

मैं कमलेश जी संत से पहले से परिचित हूं। जब स्वच्छ भारत मिशन का अभियान डूंगरपुर में चल रहा था, आपने मुझसे संपर्क किया और एक भाव प्रकट किया कि मैं जिस गांव में रहता हूं वह गांव भी स्वच्छ बनना चाहिए और आपने उसे दिन से प्रयास किया कि हर घर से कचरा उठाने चाहिए जो आज भी उठ रहा है। यह सोच खुशी साधारण व्यक्तित्व की नहीं हो सकती।

यह सोच उसे व्यक्ति की हो सकती है जो इस दुनिया को बदलने की ताकत रखता है। कमलेश जी शास्त्री साहब मैं इस महायज्ञ में भगवान के चरणों में नमन करते हुए भगवान आपको इतनी शक्ति और ताकत दे कि आपकी इस अभियान का डंका केवल डूंगरपुर नहीं केवल राजस्थान नहीं पूरी देश और दुनिया में बजे। सभी संत अपने-अपने क्षेत्र में अगर एक-एक जलाशय को सुदृढ़ीकरण करने का कार्य अपने हाथ में ले लेते हैं तो निश्चित रूप से सरकार की और जनता की आने वाली भारी समस्या का समाधान होगा। 

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मेरा संत श्री से निवेदन है कि आप आप स्वच्छता का भी कार्य जो आपके हाथ में है उसे भी यथा स्थिति स्थान देने का श्रम करें और इस झील के चारों तरफ बड़े-बड़े वृक्ष लगाकर पर्यावरण से भी लोगों का मन जोड़ने का प्रयास करें।

उन्होने कहा कि संदेश जल है तो कल है, केवल भाषणों से एवं खबरों से संभव नहीं है। डूंगरपुर एक नए इतिहास की ओर संत ने ज्ञान देते जीवन की लीला में महत्वपूर्ण योगदान देने का निर्णय किया। जब-जब इस कलयुग में धरती पर कोई कल हुआ ईश्वर के रूप में इंसान का अवतार हुआ। सत्य की नाव हिल सकती है ढूंढ सकती है लेकिन डूब नहीं सकती, इंसान बोलता है परंतु उससे ज्यादा उसका काम बोलता है काम की पूजा स्वार्थी एवं निस्वार्थ लोगों को भी करनी पड़ती है। स्वार्थी लोग याद मजबूरी वश करते हैं परंतु निस्वार्थ लोग मन से करते हैं।

उन्होने कहा कि डूंगरपुर की मीडिया को इस बात को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना चाहिए कि एक संत का प्रण इस तरह से धरती को स्वर्ग बनाना सत्य है, वह हमें मोक्ष का रास्ता भी दिखाता है। सनातन धर्म को आमजन में विश्वास के रूप में स्थापित करता है। जो कार्यक्रम संत श्री कमलेश भाई शास्त्री ने लिया है अपने हाथों में ऐसे नेक काम में ईश्वर भी आशीर्वाद देता है और स्वयं अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर उसे काम को पूर्ण करता है।

– के के गुप्ता पूर्व सभापति, नगर परिषद डूंगरपुर

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