Cyclone Biprajoy in Rajasthan: ईस्ट सेंट्रल अरब सागर की खाड़ी में बने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर सौराष्ट्र से लेकर राजस्थान में देखने को मिलेगा. हालात ये है कि मौसम विभाग ने इसके लिए 16 से लेकर 18 जून तक 10 से ज्यादा जिलों में येलों और ऑरेंज अलर्ट जारी कर लोगों को घरों में रहने की चेतावनी जारी की है.
Cyclone Biprajoy in Rajasthan: बिपरजॉय तूफान का असर प्रदेशभर में देखने को मिल रहा है. तूफान से राज्य में लो प्रेशर एरिया बना हुआ है. जिसके कारण उमस और तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण प्रदेश में आंधी बारिश के बीच 44 डिग्री तक तापमान पहुंच गया है. बूंदी ज़िले का तापमान 44 डिग्री दर्ज किया गया . इसी के साथ फलोदी, धौलपुर का तापमान 43 डिग्री से अधिक दर्ज हुआ है.
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16 से 17 जून तक भारी बारिश का अलर्ट
अधिकांश जिलों में 40 डिग्री से अधिक तापमान के साथ 38 से 44 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया जा रहा है. जयपुर मौसम विभाग ने मंगलवार के लिए प्रदेश में आंधी बारिश के अलर्ट के साथ कई जिलों में येल्लो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर जयपुर मौसम केंद्र के वैज्ञानिकों का मानना है इसका असर प्रदेश में देखने को मिलेगा. इसी के साथ मौसम विभाग जयपुर के अनुसार ·
16 जून को जोधपुर और उदयपुर संभाग में के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ आंधी होने की संभावना है, तो वही बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, जालौर जिलों में अत्यधिक भारी से बहुत भारी वर्षा और पाली, सिरोही और बीकानेर जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है.
वहीं 17 जून को लेकर जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर और अजमेर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा के साथ वर्षा की तीव्रता में वृद्धि होने की संभावना जताई है. जिसके कारण 16 से 18 जून के दौरान अधिकतम तापमान में 5-10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना जताई गई है.
50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी हवाएं
इसके अलावा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण 16 जून को जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, जोधपुर जिलों और आसपास के क्षेत्रों में 55-65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना भी जताई है.17 जून को जोधपुर, अजमेर, उदयपुर संभागों और आसपास के क्षेत्रों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है.
प्रदेश के ज़िलों में तापमान
प्रदेश के ज़िलों में तापमान की बात जाए तो अजमेर जिले का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री दर्ज किया गया. वही भीलवाड़ा ज़िले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री दर्ज हुआ. अलवर ज़िले का अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री दर्ज हुआ. राजधानी जयपुर का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री दर्ज हुआ. सीकर ज़िले का अधिकतम तापमान 39.0 डिग्री रहा. वहीं कोटा ज़िले का अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री दर्ज किया गया. बूंदी ज़िले का अधिकतम तापमान 44.0 डिग्री दर्ज किया गया.
इसी के साथ चित्तौड़गढ़ ज़िले का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री रहा. धौलपुर ज़िले का अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री रहा. वहीं बांरा जिले का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज किया गया. डूंगरपुर ज़िले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री दर्ज किया गया. सवाई माधोपुर ज़िले का अधिकतम तापमान 41.5 डिग्री दर्ज हुआ. सिरोही ज़िले का अधिकतम तापमान 38.1 डिग्री दर्ज किया गया. करौली ज़िले का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज हुआ. वहीं पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले का अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री दर्ज किया गया.
जैसलमेर जिले का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री दर्ज किया गया. जोधपुर ज़िले का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री दर्ज किया गया. बीकानेर जिले का अधिकतम तापमान 42.0 डिग्री दर्ज किया गया. चूरू ज़िले का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री दर्ज हुआ. गंगानगर ज़िले का अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री दर्ज किया गया. वही जालौर का अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री दर्ज किया गया. इसी के साथ मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में तापमान में अधिक वृद्धि होने के संकेत हैं. बिपरजॉय तूफान का असर प्रदेश के कुछ ज़िलों होगा, जिससे उन ज़िलों में गर्मी से कुछ राहत मिल सकती हैं.
अरब सागर की खाड़ी में बना हुआ
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 16 जून को इसके कमजोर होकर अवसाद के रूप में दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करने की संभावना है. इसके असर से आंधी बारिश की गतिविधियां 15 जून दोपहर बाद ही जोधपुर व उदयपुर संभाग के जिलों में प्रारंभ होने की संभावना है. फिलहाल यह अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ईस्ट सेंट्रल अरब सागर की खाड़ी में बना हुआ है तथा धीरे-धीरे यह उत्तर दिशा की ओर आगे बढ़ रहा है. यह तूफान 15 जून को सौराष्ट्र-कच्छ व आसपास के पाकिस्तान तट के ऊपर वेरी सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रूप में पहुंचने की प्रबल संभावना है, जिसके बाद यह उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर आगे बढ़ने तथा धीरे-धीरे कमजोर होने की आशा है.