विनायक की वंदना : विदाई की वेला में सागवाड़ा भावुक
सागवाड़ा। भगवान गजानन के जयकारों की गूंज के साथ ही आगे बढ़ते कदम और भक्ति गीतों की स्वर लहरियों पर झूमते श्रद्धालु। ढोल-ढमाकों की थाप पर एक से बढ़कर एक अखाड़ा प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ तो हर किसी ने सराहा भी। इतना ही नहीं विनायक की प्रतिमाओं की विदाई की वेला आई तो पूरा शहर भावुक हो गया। जी हां कुछ ऐसा ही मिश्रित नजारा गुरुवार को शहर से लेकर गांव तक बना।
अवसर अनंत चतुर्दशी पर भगवान गजानन की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान गामठवाड़ा, मांडवी चौक, गणेश मंडल, भोईवाड़ा, सेवक मौहल्ला, प्रजापत मौहल्ला, एकलव्य गणेश मंडल, खटीकवाडा, पोल का कोठा, हरिजन बस्ती, पटेलवाडा भाटिया समाज भोई समाज, आदिवासी समाज की ओर से तथा बड़ी संख्या में घरों में विराजित गणेश प्रतिमाओं की शोभायात्रा निकाली। जिसमें अगले बरस तू जल्दी आ की कामना के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हुए। सुबह आरती के बाद प्रतिष्ठानों, घरों एवं मोहल्लों में स्थापित भगवान गजानन की प्रतिमाओं की शोभायात्रा निकलनी शुरू हुई। हर मार्ग पर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया। शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों का भ्रमण करती हुई शोभायात्रा गोल चौराहा पहुंची। शोभायात्रा हॉस्पिटल, नया बाजार, सदर बाजार, मांडवी चौक, पार्श्वनाथ चौक होकर लोहारिया तालाब पहुंची।
विभिन्न मार्गों से शोभायात्रा सामूहिक आरती के बाद प्रतिमाओं को विशेष सुरक्षा के बीच जयकारों के साथ विसर्जित किया। लोहारिया तालाब पर नगरपालिका एवं प्रशासन की ओर से विद्युत के साथ सुरक्षा की माकूल व्यवस्था की गई। घरों में स्थापित गणेश प्रतिमाओं को गोरेश्वर में भी विसर्जित किया गया।