डूंगरपुर/सांसद राजकुमार रोत द्वारा कई माँ बाड़ी केंद्रों का किया निरीक्षण, उस दौरान बच्चों ने बताया 3-4 माह से ना अल्पाहार, ना भोजन, और ना ही अन्य सामग्री मिल रही है। शिक्षाकर्मियों की पीड़ा है कि बच्चों को कैसे ठहराये केंद्रों पर, ना अल्पाहार, ना भोजन, ना जूते-चप्पल और ना ही स्वेटर मिले।
कई शिक्षाकर्मी ने बतायी अपनी आप बीती कहा कि माँ बाड़ी केंद्र खोलकर बैठे रहते है, सुविधा नहीं होने से बच्चे नहीं आ रहे है। बच्चों के अभिभावक भोजन व अल्पाहार नहीं देने का दोष शिक्षाकर्मी पर डाल रहे है। शिक्षाकर्मी द्वारा भोजन खाने का आरोप लगाया जा रहा है। ना समय पर तन्खवाह, ना बच्चों के लिये सुविधा कैसे चलाये केंद्र। ये बात अधिकारियों को बताते है तो चुप्पी साँधने को कहा जाता है और हटाने की धमकी देते है। कई केंद्रों पर बच्चे के बग़ैर शिक्षाकर्मी अकेले बैठने को मजबूर।
शिक्षाकर्मियों ने अपने केंद्र का नाम व ख़ुद की पहचान बताने से भी डरे कहा हमारा भी भुगतान पेंडिंग।
कुछ दिन पहले न्यूज़ में प्रकाशित खबर को पढ़ के आज सांसद राजकुमार रोत केंद्रों पर पहुँचे तो गंभीर अनियमितता व विभाग का नंगा नाच सामने आया।
मासूम बच्चे बोले पहले सब मिलता था अब सब बन्द हो गया, घर से टिफ़िन या भूखे रहने को मजबूर है, इस लिये माँ बाड़ी केंद्रों पर नहीं आते।
विभाग के नियम –
1.सुबह अल्पाहार।
2,दौपहर का भोजन।
3.डे-केयर है तो दो वक्त अल्पाहार व दो वक्त भोजन।
4.साप्ताहिक फल फु्रट।
5. साप्ताहिक मिठाई।
6. कपड़े, स्वेटर, सुज, समस्त स्टेशनरी की सामग्री।
लेकिन धरातल पर हकीकत तो कुछ और ही है।
मंत्री व अधिकारियों की मिलीभगत से टीएडी विभाग में हर कदम-कदम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।